नोएडा में दो महीने में लीजिए जंगल ट्रेल का मजा: 18.7 एकड़ में बन रहा पार्क, यहां कबाड़ से बनाए गए डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, अजगर, बंदर – Noida (Gautambudh Nagar) News
नोएडा के जंगल ट्रेल के लिए बनाए जा रहे कबाड़ से जानवर।
सेक्टर-44 में महामाया फ्लाईओवर और ओखला पक्षी विहार के बीच बन रहे वेस्ट टू वंडर पार्क के निर्माण में दो महीने का समय और लगेगा। समय पर काम पूरा न कर पाने पर एजेंसी ने प्राधिकरण से यह समय लिया है। जून 2024 में शहर के इस पहले पीपीपी मॉडल के पार्क का निर्
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पार्क के अंदर कबाड़ से बने डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, अजगर, बंदर की आकृतियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही छोटी आकृतियों में सुंदर-सुंदर चिडिय़ां भी कबाड़ से बनी हुई होंगी। पार्क में आने वाले लोग जंगल में सैर का लुत्फ भी उठा सकेंगे। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि कुछ काम और एजेंसी को करने हैं। इसके लिए दो महीने का और समय दिया गया है।

जंगल ट्रेल में लगाए जा रहे जानवर
तीन जोन में बांटा गया पार्क के तीन जोन में बांटा गया है। पहला जोन-ए 4.05 एकड़ का है। इसमें पार्किंग, एंपीथियेटर (1000 लोगों की क्षमता का ), फूड कोर्ट और ऐग्जीबिशन एरिया है। यहां 8 बसों और 76 कारों की पार्किंग होगी। जोन-बी 8.77 एकड़ का बनाया जा रहा है। इसमें ट्रोपिकल रेन फारेस्ट , ग्रास लैंड , वेट लैंड को बनाया जा रहा है। तीसरा जोन-सी 5.45 एकड़ का है। इसमें आईस लैंड ओशियन, ट्रेमप्रेट फारेस्ट और पोलर रीजन होगा।
पार्क में पार्किंग और एम्फीथिएटर भी होगा ये पार्क अपने आप में अनोखा होगा, जिसका कॉन्सेप्ट 4डी पर आधारित है। इस पार्क को बनाने वाली कंपनी ही इसका संचालन और मेंटेनेंस करेगी। पार्क में आने वाले लोगों के लिए टिकट रखा जाएगा जिसका 50-50 प्रतिशत राजस्व की हिस्सेदारी होगी। इस पार्क की रीच को बढ़ाने के लिए ही इसे सेक्टर-44- 94 के पास बनाया जा रहा है। ताकि दिल्ली , ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के लोग तक यहां आ सके।
अब जानते है पार्क के फीचर
- एनसीआर का पहला पार्क होगा जिसमें जंगल नाइट सफारी होगी। ई कार्ट के जरिए।
- पार्क में जल, मरुस्थल, बर्फ और घने जंगलों में रहने वाले 800 जानवरों को बनाया जाएगा।
- फूड कोर्ट होगा, किड्स प्ले एरिया बनाया जाएगा, पिकनिक स्पॉट होगा।
- वेस्ट के जरिए आउट डोर फर्नीचर , आउट डोर लाइटिंग और शॉप बनाई जाएंगी।
- पानी में रहने वाले जंतुओं को दिखाया जाएगा

जंगल ट्रेल के लिए बनाए गए जानवर
500 टन लोहे का होगा प्रयोग
पार्क में 500 टन लोहा वेस्ट का प्रयोग किया गया है। यहां लोहे से पार्क में स्कल्पचर बनाए जा रहे है। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग भी किया जा रहा है। इस पार्क को बनाने में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। इसमें हाथी, पेंग्विन, शेर, जिराफ़, बर्ल्डस, बत्तख, फ्लेमिंगो, बरटफ्लाई, जंगली भैसः, डाइनासौर, गैंडा, मोर, भालू, क्वाला, पांडा आदि को बनाए गए है।