Go on alert as soon as the siren sounds in Lucknow | लखनऊ में बमबारी पर अलर्टनेस सिखाएंगे ट्रेनर: ब्लैक आउट में सिविल डिफेंस लेगी एक्शन, 5 हजार लोग होंगे ट्रेंड – Lucknow News
युद्ध के हालात बनें तो आम आदमी कैसे अपना बचाव करें? लखनऊ में बमबारी होने पर क्या एक्शन लेना है? ब्लैक आउट के दौरान सिविल डिफेंस क्या एक्शन लेगी? केंद्र सरकार से निर्देश है कि देश में सबके लिए तैयारी की जाए। इसी के क्रम में लखनऊ में आज (बुधवार को) दो
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मॉक ड्रिल में लखनऊ के करीब 5000 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि कैसे वे युद्ध की स्थिति में खुद को महफूज कर सकें। उस दौरान लखनऊवालों की मदद वॉलंटियर्स भी करेंगे। साथ ही पुलिस, SDRF और सेना के जवान भी मदद के लिए आएंगे। आगे पढ़ें कि इमरजेंसी की सिचुएशन से कैसे निपट सकते हैं…
पहले तस्वीरों में देखिए मॉकड्रिल की रिहर्सल

हमले के दौरान अगर कोई बेहोश हो जाता है। उसे कैसे होश में लाया जाए, इसकी भी ट्रेनिंग दी गई।

सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की ट्रेनिंग भी ली गई।

आग लगने के बाद किसी के बेहोश होने पर उसे रेस्क्यू करना बताया गया।

बम गिरने के बाद आग लग जाए तो कैसे बुझाएं। यह भी ट्रेनिंग के दौरान बताया गया।

मॉकड्रिल के दौरान सायरन बजते ही लोग फर्श पर लेट गए।
अब पढ़िए वॉलंटियर्स क्या कहते हैं…
लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है
सिविल डिफेंस के चीफ कोऑर्डिनेटर अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि हमारा ट्रेनिंग सेंटर है। बीकेटी और नागपुर में हम अभ्यास करते रहते हैं। आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। उनको हमारे साथ में ज्वाइन करना चाहिए। इंजर्ड को कैसे मदद करना है।
फर्स्ट एड कैसे देना है। फायर और केमिकल को कैसे न्यूट्रल करना है। किस चीज में क्या यूज करना है। लाइव फायर में क्या करना होता है। सरकार की एसओपी आई है। हम सात बजे यह करेंगे। सिविल डिफेंस के वर्कर ट्रेंड हैं। इसमें से हम एक्टिव वर्कर निकालेंगे।
लोग जिस तरह से उपलब्ध रहेंगे। उसी की तर्ज पर हम लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे। इसमें जब आप लोगों से काम कराते हैं। तो उसमें क्या एक्सपर्टाइज होती है। यह पता चल जाती है। उनका कहना है कि मॉक ड्रिल के दौरान ही हम एक्टिव वर्कर सिलेक्ट करेंगे।

महिलाओं ने किया रेस्क्यू
महिलाओं ने कई तरह से मौके पर रेस्क्यू एक्टिविटी की। इसमें लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने। चोट या बमबारी में घायल होने वाले लोगों की किस तरह से मदद की जाती है। इसपर वह काम करते हुए दिखाई दीं। सिविल डिफेंस वर्कर ज्योति खरे ने बताया कि नागरिक की सुरक्षा करना हमारा उद्देश्य है। ब्लैक आउट में कहीं पर भी रोशनी न हो। बमबारी के दौरान लोगों को शेल्टर पोजिशन में लाएंगे।

ज्योति ने कहा- घायलों को रेस्क्यू कर उन्हें फर्स्ट एड मुहैया कराकर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। लखनऊ में महिलाओं की संख्या 50 से अधिक हैं। मॉक ड्रिल टीम वाइज रहेगी। हम कई टीम में काम करते हैं। हमें हर महीने ट्रेनिंग दी जाती है। जरूरत के समय में हम लोगों की सुरक्षा कर सकें। उन्हें बचा सकें। यह काम हमारा है। आग लगी हो या बम फटा हो उसमें रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
सायरन बजते ही होना है अलर्ट
अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि आम नागरिकों के बीच से सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता काम करते हैं। सायरन से लोगों को सचेत करने और फर्स्ट एड मुहैया कराने का काम हम कर रहे हैं। इसमें लोगों के साथ में स्कूली बच्चों को भी सिखाने का काम किया जा रहा है। युवाओं को भी जोड़ रहे हैं।

मॉक ड्रिल की रिहर्सल में महिलाएं भी शामिल
आपात स्थिति की मॉक ड्रिल की रिहर्सल मंगलवार को पुलिस लाइन में की गई। यहां पर रेस्क्यू से लेकर लोगों की मदद करने में पुलिस या सेना की मौजूदगी नहीं थी। यह सिविल डिफेंस के वर्कर थे, जो देश सेवा के जज्बे से वहां पर मौजूद थे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं, जिनमें से अधिकतर की उम्र करीब 50 साल की होगी।
मौके पर यह महिलाएं युवाओं को प्रेरित करते हुए भी दिखीं। उनका कहना है जब हम हौसले और अनुभव के साथ में हर तरह से अपना सबकुछ देश के लिए देने को तैयार हैं। हमारे बच्चे भी इसके लिए आगे आ रहे हैं। खुद को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखना है। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों को सिविल डिफेंस ज्वाइन करना चाहिए।


