Frozen desserts are being made from flour and oil instead of ice cream | आइसक्रीम बता मैदा, तेल से बना रहे फ्रोजेन डेजर्ट: खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम के छापे में खुली पोल; चीनी की जगह प्रयोग हो रही सैकरीन – Gorakhpur News
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नौसढ़ में पीयूष आइसक्रीम फैक्ट्री पर छापा मारा। जहां कई कमियां मिलीं।
खाद्य पदार्थों में मिलावट के जरिए स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गुरुवार की शाम को एक आइसक्रीम फैक्ट्री पर छापा मारा तो वहां आइसक्रीम की जगह मैदा व तेल मिलाकर बनाया जा रहा फ्रोजेन डेजर्ट (ठंडी मिठाई) मिला। इसमें भी
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सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजेन डेजर्ट की बिक्री नहीं होने पाएगी।
श्रमिक ने खोली पोल आइसक्रीम फैक्ट्री की जांच करने पहुंचे अधिकारियों को यहां मेटल क्लीनर पड़े होने पर आश्चर्य हुआ। फैक्ट्री संचालक से इसके बारे में पूछा गया तो उसने कुछ नहीं बताया। इसके बाद सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एक श्रमिक को किनारे ले गए और उससे पूछताछ की। उसने पोल खोल दी। श्रमिक ने बताया कि डब्बे में से पाउडर निकालकर डालते हैं, जिससे आइसक्रीम मीठी हो। चेक किया तो सैकरीन निकली इसके बाद सहायक आयुक्त ने डब्बे में से सैकरीन निकालकर चेक किया। उसका स्वाद पहले काफी मीठा लगा, थोड़ी देर बाद ही मुंह कड़वा हो गया। टीम ने यहां से 6 नमूने लिए हैं। इस पाउडर का नमूना भी लिया गया है। जांच में पता चलेगा कि कहीं यह कोई और केमिकल तो नहीं। सैकरीन का उपयोग करने की मनाही है। यह चीनी से लगभग 400 गुना अधिक मीठा होता है। आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजेन डेजर्ट बनाने के खिलाफ जारी रहेगा अभियान आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजेन डेजर्ट बनाने के खिलाफ खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से अभियान लगातार जारी रहेगा। बिक्री करने वाले ठेलों की भी जांच की जाएगी कि वहां सही आइसक्रीम बिक रही है या नहीं। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजन डेजर्ट नहीं बिकने दिया जाएगा। यदि फ्रोजन डेजर्ट बेच रहे हैं तो इस पर आइसक्रीम लिखना गलत है। अभियान शुरू कर दिया गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से चल रहा था पानी का प्लांट टीम ने नौसढ़ में ही पानी के एक प्लांट की जांच ही। यह प्लांट अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। इसके संचालक नन्हकू राय हैं। यहां 105 बोरियों में लगभग 8715 पाउच पानी मिला। प्लांट का लाइसेंस भी नहीं था। टीम ने इसे सील कर दिया है। टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन तिवारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रतिमा, श्रीनिवास, संतोष तिवारी, अंकुर मिश्र आदि शामिल रहे।

पानी के प्लांट की जांच करते खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
सैकरीन से होते हैं ये नुकसान सैकरीन के इस्तेमाल से पेट खराब हो सकता है। यह केमिकल है और चीनी से लगभग 400 गुना ज्यादा मीठा होता है। इसके अलावा आइसक्रीम और कैंडी में तकरीबन 20 तरह के केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।