Crores of rupees defrauded in Varanasi by creating fake bank account, SIM and Aadhaar | वाराणसी में फर्जी बैंकखाता-सिम और आधार बनाकर करोड़ों की ठगी: गरीबों का आधार क्लोन करके खोलते थे प्राइवेट बैंक में खाता, बैंक कर्मचारी समेत 3 साइबर ठग दबोचे – Varanasi News
वाराणसी पुलिस ने फर्जी आधार और सिमकार्ड के जरिए बैंक खाते खोलकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के तीन गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया। अपराध में शामिल एक प्राइवेट बैंक कर्मी इनके आधार और सिम पर खाते खुलवाता था और रुपयों को लेनदेन भी करता था।
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इसके लिए गिरोह के सदस्य झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को शिकार बनाते थे। गरीब और कम पढ़े-लिखे लोगों की जिंदगी को निशाना बनाकर उनके आधार से क्लोन तैयार करके सिम लेते थे फिर उस नंबर को रजिस्टर्ड नंबर बना देते थे।
लालपुर पांडेयपुर के मेहताब खान की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। साइबर सेल और थाना लालपुर-पांडेयपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक ऐसे साइबर ठगी के रैकेट का पर्दाफाश किया। तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।

लालपुर पांडेपुर निवासी मेहताब खान ने उनके नाम पर एक सिम चलने फर्जी तरीके से चलने की शिकायत दर्ज कराई। बताया कि गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर आधार नंबर से जांच की, तो अनजान नंबर भी पंजीकृत मिला। इसके बाद मामले को साइबर थाने पर दिया गया। पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज की और नंबर पर काल करके सिम की जांच शुरू की।
पुलिस ने रैकेट खंगाला तो दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों तक जुड़े होने का पता चला। इन नंबरों की जांच में बनारस की एक बैंक में उनका खाता भी मिला और कई लोगों की संलिप्तता भी सामने आई। पुलिस ने नई बस्ती निवासी सूर्यकांत, विकास मौर्या और मोहम्मद अरमान को दबोच लिया। इनके घरों की तलाशी ली तो हिन्दी फिल्मों के जासूसों जैसा नजारा दिया। ठगी का पूरा सामान बरामद हुआ।
ऐसे काम करता था यह रैकेट
पुलिस के खुलासे में सामने आया कि गिरोह बेहद चालाकी से कम पढ़े-लिखे और गरीब लोगों को अपना शिकार बनाता था। जब कोई व्यक्ति सिम लेने या पोर्ट कराने जाता, तो डबल KYC के जरिए फर्जी सिम निकाल लिया जाता।
इसके अलावा, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के नाम पर फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाकर बैंक खाते खोले जाते। ये सिम और बैंक खाते कूरियर या बस के जरिए दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बैठे साइबर ठगों तक पहुंचाए जाते, जो इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ठगी के लिए करते थे।
बैंक कर्मचारी की मिलीभगत ने बढ़ाई सनसनी
चौंकाने वाला खुलासा यह रहा कि इस रैकेट में एक बैंक कर्मचारी भी शामिल था, जो फर्जी खाते खोलने में मदद करता था। पुलिस ने बैंक को इस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने और टेलिकॉम कंपनी को POS एजेंट का लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र भेजा है।
इसमें 28 सिम कार्ड (Airtel, Vi), 1 बायोमेट्रिक मशीन, 3 एंड्रॉइड फोन (लगभग ₹72,000 की कीमत), 5 कीपैड मोबाइल, 7 डेबिट कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 5 चेकबुक, 2 आधार कार्ड और ₹820 नकद शामिल हैं। यह सामान इस बात का सबूत है कि यह गिरोह कितने बड़े पैमाने पर ठगी को अंजाम दे रहा था।
इन आरोपियों को दबोचा ⦁ सूर्यकांत विश्वकर्मा नई बस्ती लालपुर पाण्डेयपुर ⦁ विकास मौर्या पुत्र भरतलाल विश्वेसरगंज कोतवाली ⦁ मो अरमान पुत्र वकील अहमद कजाकपुरा, आदमपुर