The seized van in Hamirpur was made fit in Kanpur, RI Ajit Singh suspended by Transport Commissioner, RI Ajit Singh suspended for making the seized van fit in Kanpur, Kanpur RTO | सीज वैन की फिटनेस करने में कानपुर के RI सस्पेंड: हमीरपुर एआरटीओ ने सीज की थी वैन, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने एक्शन लिया – Kanpur News
कानपुर के आरटीओ में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। सीज वाहन का आरटीओ में तैनात आरआई अजीत सिंह फिटनेस प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। हमीरपुर के एआरटीओ ने फिटनेस नहीं होने पर वैन को सीज कर दिया था, लेकिन वैन चालक ने सीज वैन का चंद
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सीज गाड़ी की घूस लेकर बगैर जांच आरआई ने जारी कर दी फिटनेस
हमीरपुर के एआरटीओ डग्गामार वैन चालकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्हाेंने कानपुर की एक ओमनी वैन (वाहन संख्या-UP78 EM 1272) को फिटनेस नहीं होने पर 6 जून को सुबह 10:45 बजे जब्त करके सीज कर दिया था। सीज होने के बाद दोपहर में कानपुर से वैन की फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिया गया। जो तकनीकी और प्रक्रियात्मक रूप से असंभव है। क्यों कि फिटनेस प्रमाण-पत्र गाड़ी की फिजिकल जांच के बाद ही जारी किया जा सकता है। फिटनेस जारी होते ही वैन चालक ने अपनी सीज गाड़ी छुड़ाने के लिए हमीरपुर आरटीओ में चैलेंज कर दिया।
इस पर हमीरपुर के एआरटीओ अमिताभ राय ने कानपुर से जारी फिटनेस की वाहन पोर्टल पर जांच की तो सामने आया कि गाड़ी सीज होने के बाद 4 जून की दोपहर में वैन की फिटनेस हुई है। इससे साफ है कि सीज गाड़ी की फिटनेस बगैर मुआयना किए फिटनेस प्रमाण-पत्र आरआई अजीत सिंह ने जारी कर दिया।
एआरटीओ ने इस मामले की शिकायत ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से कर दी। जांच में आरोप सही पाए गए और इसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने शुक्रवार को आरआई अजीत सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
चेतावनी के बाद भी बगैर जांच फिटनेस करने पर नपे आरआई
इससे पहले भी औरैया जिले से आरआई अजीत सिंह के खिलाफ एक समान शिकायत मिली थी, जिसमें एक जब्त वाहन को उसी समय कानपुर में निरीक्षण के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र दिया गया दिखाया गया था। दूसरा मामला लखनऊ में हुए बस अग्निकांड, जिसमें पांच लोगों की मृत्यु हो गई थी। आरटीओ की जांच में पाया गया कि बस को “एनीवेयर फिटनेस” प्रणाली के तहत बिना उचित भौतिक निरीक्षण के फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया गया था। उस मामले में भी संबंधित अधिकारी को निलंबित किया गया था।
इन दोनों घटनाओं का सामने आने के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने पूरे राज्य स्तर पर एक वेब मीटिंग आयोजित की गई थी, जिसमें सभी अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए थे कि बिना वाहन की भौतिक उपस्थिति के कोई भी फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, आरआई अजीत सिंह ने दोबारा उल्लंघन किया गया। इस वजह से उन्हें फौरन सस्पेंड कर दिया गया। कार्रवाई के बाद शिखर ओझा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी वाराणसी, को इस मामले की विस्तृत विभागीय जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।