Municipal corporation promises are watered down | नगर निगम के वादे पानी-पानी: पहली बारिश में ही चौफटका में जलभराव, लोगों के घुटनों तक भरा पानी – Prayagraj (Allahabad) News
प्रयागराज3 मिनट पहले
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मानसून की दस्तक से पहले प्रयागराज नगर निगम ने शहर को जलभराव से मुक्त रखने के लिए बड़े दावे किए थे। दावा किया गया कि शहर के 145 बड़े नालों की सफाई पूरी कर ली गई है और इसके लिए करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन चौफटका इलाके की तस्वीरें इन दावों की हकीकत बयां कर रही हैं।
सोमवार को हल्की बारिश हुई और चौफटका में पंचकोसी हनुमान मंदिर और अग्नि अखाड़े के सामने की सड़क जलमग्न हो गई। पानी इतना भर गया कि लोगों को घुटनों तक पानी में चलकर रास्ता पार करना पड़ा।
सुबह ऑफिस, स्कूल और जरूरी काम से निकलने वाले लोगों को गंदे पानी और फिसलन भरे रास्तों से जूझना पड़ा। कई बाइक सवार गिर पड़े और महिलाएं-युवतियां परेशान दिखीं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी नगर निगम ने सिर्फ कागजों पर तैयारी की है। जिस इलाके में इतनी जल्दी जलभराव हो जाए, वह कैसे नगर निगम की प्राथमिकता में शामिल हो सकता है?
नगर निगम के मेयर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने कहा था कि सफाई इतनी सुदृढ़ है कि नालों में अगर बारिश के बाद सिल्ट दोबारा जमा हो, तो तुरंत हटाया जाएगा।

वादा तो ये भी था कि सभी संवेदनशील इलाकों में पंपिंग सेट तैनात किए गए हैं, लेकिन चौफटका में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। यहां तो न तो पानी की निकासी का कोई रास्ता दिखा, न कोई कर्मचारी मुस्तैद मिला।
सवाल उठता है कि जब करोड़ों की लागत से नालों की सफाई की गई, तो बारिश की पहली बूंद में ही सिस्टम क्यों ध्वस्त हो गया? क्या नगर निगम ने सिर्फ खानापूर्ति की? क्या 10 करोड़ रुपये सच में शहर की सफाई पर खर्च हुए या फिर कहीं और बह गए?
फिलहाल चौफटका जैसे इलाके नगर निगम के दावों को आइना दिखा रहे हैं। अब लोगों की नजरें एक बार फिर तेज बारिश पर टिकी हैं जो तय करेगी कि ये तैयारियां धरातल की थीं या सिर्फ प्रेस नोट और दावों की लहर में बहने वाली घोषणाएं।