As soon as seven pillars were built, the lintel collapsed, DM sent the report | सात पिलर बनते ही ढहा लिंटर, डीएम ने भेजी रिपोर्ट: इंजीनियरों की चेतावनी के बाद भी अनसुनी कर गए ठेकेदार, लापरवाही में FIR – Chitrakoot News


जितेंद्र कुमार | चित्रकूट2 मिनट पहले

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चित्रकूट के मऊ क्षेत्र में परदवां मार्ग पर निर्माणाधीन पुल की सटरिंग टूटने और लिंटर ढहने के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार देर रात डीएम शिवशरणप्पा जी.एन. और मानिकपुर विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी खुद जमोहरा नाले के पास बने घटनास्थल पर पहुंचे। निरीक्षण के बाद डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें ठेकेदार और सटरिंग लगाने वाले की लापरवाही को हादसे का कारण बताया गया है।

जांच में सामने आया है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने पहले ही ठेकेदार और सटरिंग लगाने वाले को कमजोर व्यवस्था को लेकर चेताया था, लेकिन उन्होंने बात अनसुनी कर दी। इसी लापरवाही के चलते बुधवार सुबह लिंटर ढह गया और पूरी सटरिंग टूट गई।

ठेकेदार की फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी, FIR दर्ज

गुरुवार को पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता अखिलेश कुमार, एई श्यामलाल, जेई सिंधुराज, जेई महेश यादव और जेई पीपी सिंह फिर से मौके पर पहुंचे। इसके बाद एई श्यामलाल ने मऊ थाने में लिखित तहरीर दी। तहरीर में निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार दलबीर सिंह और सटरिंग ठेकेदार भीम सिंह पर इंजीनियरों की चेतावनी नजरअंदाज करने, लापरवाही बरतने और जनहानि की आशंका पैदा करने के आरोप लगाए गए हैं।

थाना प्रभारी दुर्ग विजय सिंह ने बताया कि दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया है। अधिशाषी अभियंता अखिलेश कुमार ने कहा कि ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति भी की गई है।

2.39 करोड़ की लागत से बन रहा था पुल, होता है जलभराव

बता दें कि बरियारी गांव के पास जमोहरा नाले में 2 करोड़ 39 लाख रुपये की लागत से पुल निर्माण का कार्य जारी है। यह पुल परदवां से लगभग 6 किलोमीटर आगे बनाया जा रहा है, जिससे बारिश के दिनों में जलभराव के कारण ग्रामीणों को राहत मिल सके। पुल के अब तक सात पिलर बन चुके हैं, जबकि कुल नौ पिलर बनने हैं। बुधवार सुबह जब पहले दो पिलरों पर लिंटर डाला जा रहा था, तभी आधा लिंटर पड़ते ही पूरी सटरिंग ढह गई।

पीडब्ल्यूडी के लखनऊ स्थित मुख्यालय से भी मामले का संज्ञान लिया गया और जांच टीम मौके के लिए रवाना की गई। गुरुवार दोपहर मऊ एसडीएम सौरभ यादव, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता एस.के. रावत और अधिशाषी अभियंता अखिलेश कुमार के नेतृत्व में इंजीनियरों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच की।



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