Jhansi’s Berseem will also grow in America and Australia | झांसी की बरसीम अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी उगेगी: ग्रासलैंड के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है चारा, अनुबंध के आधार पर जाएगी विदेश – Jhansi News



बरसीम, जो दुधारू मवेशियों के लिए लाभकारी होती है

झांसी की बरसीम अब आस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी उगाई जाएगी। झांसी के भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (ग्रासलैंड) में तैयार किए गए बरसीम और ओट्स के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों को खरीदने के लिए देश की दो बड़ी कंपनियां आगे आई हैं।

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भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान ने अपने अनुसंधानों की उपलब्धियों में बड़ा अध्याय जोड़ा है। ग्रासलैंड ने अपने यहां बरसीम और ओट्स (जई) की ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो सामान्य बरसीम और जई की तुलना में मवेशियों के लिए कई गुना लाभकारी है। इसका परिणाम है कि झांसी ग्रासलैंड के चारे की मांग भारत के साथ ही अब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, टर्की जैसे देशों में भी बढ़ गई है। अब भारत की बड़ी बीज कंपनी झांसी से बीज ले जाकर अपने फार्म में तैयार करेंगी और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों को बेचेंगी। विदेशों में पहुंचने पैकेजिंग पचने वाले बीज को जिस पर झांसी ग्रासलैंड का भी नाम होगा।

दुधारू पशुओं और व्यापारियों के लिए बूस्टर

जिस बरसीम के लिए कंपनियों ने ग्रासलैंड से अनुबंध किया है, वह दुधारू पशुओं और दूध-घी का व्यापार करने वालों के लिए हितकारी है। इसमें एसएनएफ (सॉलिड-नॉट-फैट) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसे ऐसा समझा जा सकता है कि दूध से दो प्रोडक्ट मिलते हैं। पहला खोआ और दूसरा घी। इस बरसीम को खाने वाले मवेशी में एसएनएफ (सॉलिड-नॉट- फैट) अधिक बनता है, जिससे खोआ की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं, प्रोटीन और फैट होने से घी भी अधिक बनता है।

प्रजनन क्षमता में भी हो रहा इजाफा

ग्रासलैंड में विकसित हाइब्रिड बरसीम और जई की प्रजाति किसानों के लिहाज से तो लाभकारी है ही, साथ में यह मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है। ग्रासलैंड में विकसित दोनों प्रजातियों से दुधारू पशुओं की प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है।

भदावरी भैंसों पर हो चुका है शोध

ग्रासलैंड के अनुसंधान फार्म पर रखी गई भदावरी भैंस ग्रासलैंड के अनुसंधान का जीता जागता उदाहरण है। वहां 140 भैंसों को हाइब्रिड बरसीम और जई खिलाई गई। इसके बाद जब इनकी वार्षिक रिपोर्ट आई तो नतीजे उत्साहित करने वाले थे। इन भैंसों में अन्य भदावरी भैंसों के मुकाबले आठ प्रतिशत अधिक फैट पाया गया। इस शोध के बाद देश की बड़ी कंपनियों ने ग्रासलैंड से बीज के लिए संपर्क किया।

फूड प्रोटीन अधिक और कम फाइबर वाली है बरसीम

ग्रासलैंड की सीइस प्रोडक्शन यूनिट के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि हाइब्रिड बरसीम और जई सामान्य के मुकाबले मवेशियों के लिए बहुत अधिक लाभदायक हैं। जहां आम बरसीम और जई में 15 गुना फूड प्रोटीन होता है, वहीं हाइब्रिड बरसीम में इसकी 17 गुना से अधिक मात्रा पाई जाती है। इसमें फाइबर की मात्रा कम पाई जाती है।



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