Fake teacher recruitment in RC Inter College of Mainpuri | मैनपुरी के आरसी इंटर कॉलेज में फर्जी शिक्षक भर्ती: तत्कालीन DIOS समेत 10 शिक्षकों पर FIR, फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर का आरोप – Mainpuri News


मैनपुरीकुछ ही क्षण पहले

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मैनपुरी के आरसी इंटर कॉलेज में 2016 में हुई शिक्षक भर्ती में बड़ी धोखाधड़ी सामने आई है। आगरा में विजिलेंस टीम ने स्कूल प्रबंधक और तत्कालीन डीआईओएस सहित 10 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

कचहरी रोड स्थित आरसी बालिका इंटर कॉलेज में 2016 में महिला शिक्षकों की भर्ती की गई थी। प्रबंधक बलवीर सिंह ने 8 अक्टूबर 2016 को नियुक्ति के लिए साक्षात्कार आयोजित किया था। जांच में पता चला कि कई अभ्यर्थियों के नाम आवेदन सूची में दर्ज किए गए, जिन्होंने न तो आवेदन किया था और न ही साक्षात्कार में भाग लिया था।

विजिलेंस जांच में सामने आया कि चयन समिति ने फर्जी हस्ताक्षर कर साक्षात्कार की कार्रवाई दिखाई। इस प्रक्रिया में प्रीति कुमारी, तृप्ति भदौरिया और पूनम राठौर को सहायक अध्यापक के पद पर चयनित किया गया।

चयन समिति में प्रबंधक बलवीर सिंह, प्रधानाचार्य कुसुम चौहान, डॉ. प्रेमपाल शास्त्री, सत्यप्रकाश और सिद्धार्थ सिंह शामिल थे। इन्होंने कई अभ्यर्थियों के नाम साक्षात्कार सूची में शामिल दिखाए, जिन्होंने स्वयं लिखित में बताया कि उन्होंने कभी आवेदन ही नहीं किया था।

तत्कालीन डीआईओएस सहित 10 पर संगीन धाराओं में प्राथमिकी की दर्ज

इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन डीआईओएस राजेंद्र प्रसाद यादव का नाम भी शामिल किया गया है। आरोप है कि उन्होंने ही अनुमोदन किया था। विजिलेंस ने इस मामले में प्रबंध समिति प्रबंधक बलवीर सिंह, प्रधानाचार्य कुसुम चौहान, डा. प्रेमपाल शास्त्री, सत्यप्रकाश, सिद्धार्थ सिंह, तत्कालीन डीआईओएस राजेंद्र प्रसाद यादव, प्रीति कुमारी, तृप्ति भदौरिया, पूनम राठौर एवं मिथलेश मिश्रा के विरुद्ध धारा 420, 467, 568, 471, 120बी के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हालांकि, स्कूल प्रबंध तंत्र इसे राजनीतिक साजिश बात रहा है।

जांच में विवादित बाबू की मां के भी निकले फर्जी अभिलेख

जानकारी के अनुसार विजिलेंस नें प्राथमिकी में बताया कि इस प्रकरण में डीआईओएस कार्यालय में तैनात रहे विवादित लिपिक कौशलेंद्र मिश्रा की मां मिथलेश कुमारी भी दोषी मिली हैं। जांच में उनकी सनद भी फर्जी पाई गई है। फर्जी अंकपत्र और सनद पर ही नौकरी करती रहीं और बाद में सेवानिवृ़त्त भी हो गईं। नगर के कुछ अन्य कालेजों में भी फर्जी शिक्षक भर्ती को लेकर अब जांच कराने की बात की जा रही है।

मामले को लेकर डीआईओएस सतीश कुमार नें बताया वर्ष 2016 में हुई भर्ती का प्रकरण है। विजिलेंस ने आगरा में ही प्राथमिकी कराई है। अभी हमारे पास किसी भी प्रकार का पत्र या अन्य जांच नहीं भेजी गई है। यदि जानकारी मांगी जाएगी तो पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

स्कूल प्रबंधन इन आरोपों को निराधार बता रहा है। विजिलेंस टीम जल्द ही मैनपुरी आकर मामले की जांच कर सकती है।



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