Thousands of years old Bhuteshwar temple in Kanpur | कानपुर में हजारों साल प्राचीन भूतेश्वर मंदिर: एक रात में भूतों ने स्थापित किया शिवलिंग, माता सीता शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आती थीं – Kanpur News
संदीप सविता| कानपुर8 मिनट पहले
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कानपुर के केशवपुरम में भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर जिसमें स्थापित शिवलिंग को भूतों ने एक ही रात में बनाया था। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है।
मंदिर के महंत बताते हैं ,कि यहां मन्नत मांगने वाले भक्तों की मन्नते जरूर पूरी होती हैं। बस उन्हें 40 दिन तक प्रतिदिन श्रद्धा से शिवलिंग पर जल चढ़ाना होता है। माता सीता भी बिठूर में प्रवास के दौरान यहां गंगा में नाव के रास्ते आकर इस भूतेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने आया करती थी।

एक ही रात में भूतों ने स्थापित किया था शिवलिंग मंदिर के महंत संतोष गिरी महाराज ने बताया की पुरखों से सुनते आ रहे हैं, की हजारों साल पहले भूतों ने एक ही रात में इस शिवलिंग को स्थापित किया था। माता सीता लव – कुश के साथ नदी के रास्ते नाव से आकर जल चढ़ती थीं।
महंत ने बताया कि जब भगवान श्री राम ने माता सीता का परित्याग किया था और वह बिठूर में रह रही थीं। तब अपने पुत्र लव और कुश के साथ वह भूतेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने के लिए गंगा नदी में नाव के रास्ते यहां आती थी।
रामलला की महारानी सुरंग के रास्ते मंदिर आतीं थी रावतपुर गांव में अब जहां रामलला मंदिर है,वहां एक राजा रहा करते थे। वहां जब एक बार राजा कहीं निकले और कई वर्षों तक वापस नहीं आए, तो रावतपुर गांव और रामलाल की महारानी रतोही रावतपुर रामलला मंदिर की सुरंग के रास्ते भूतेश्वर मंदिर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आया करती थी।
40 दिन जल चढ़ाने की विशेष मान्यता महंत ने बताया कि यहां की विशेष मानता है की जो भी यहां अपनी मन्नत मांगता है 40 दिन लगातार जल चढ़ाने से मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाती है। महंत ने बताया कि यह भारत का एक अनोखा शिवलिंग है। जिसमें माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ समावेशित है। इसके साथ ही शिवलिंग रूप भी बदलता है, सुबह शिवलिंग वर मुद्रा में दिखाई देता है।
अब पढ़िए भक्तों की यहां से जुड़ी क्या मान्यता है
भूतेश्वर मंदिर में आने वाले भक्तों से जब बात की गई तो उनका मानना है कि यहां से जो भी मांगा वह मिला है। मंदिर आए भक्त अमन त्रिवेदी ने बताया कि वह 2007 से मंदिर आते हैं ,यहां उन्हें सब कुछ मिला है। मंदिर दर्शन करने आए युवा अमित ने बताया कि यहां वह लगातार मंदिर आकर नौकरी के लिए मन्नत मांगते थे।
2 साल पहले ही उनकी नौकरी लग गई। बुजुर्ग महिला भक्त उर्मिला देवी ने भी बताया कि जब यहां उन्हें एक जमीन एलॉट हुई थी, तो उन्होंने आकर मंदिर के बाहर से ही यह प्रार्थना की थी कि घर में प्रवेश मिल जाए तब से वह लगातार प्रतिदिन मंदिर आती है।
केशवपुरम के रहने वाले जितेंद्र सिंह ने बताया मंदिर के इतिहास के बारे में यहां पर जमाने से लोग यह मान्यता मानते हैं ,कि इस मंदिर को भूतों ने एक रात में बनाया था।