Finally action was taken! Dr. Chandana Kumari lost her job, she was missing from Begusarai hospital”
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बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल अस्पताल से लापता रहने वाली डॉक्टर चन्दना कुमारी को स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्त किया .लोकल18 की लगातार रिपोर्टिंग के बाद हुई यह कार्रवाई सरकारी सिस्टम में सख़्ती का संकेत देती है.

मंझौल अनुमंडल अस्पताल और सिविल सर्जन की टीम जांच करते हुए
बेगूसराय:बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर जहां एक तरफ लगातार सवाल उठ रहे हैं, वहीं अब लापरवाह अफसरों और चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला भी तेज़ होता दिख रहा है . बेगूसराय जिले के मंझौल अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चन्दना कुमारी को बिहार सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है .
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डॉ. चन्दना कुमारी 05 अप्रैल 2022 से लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित थीं .विभाग ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर विभागीय संकल्प संख्या-502(9) दिनांक 16 मई 2023 के तहत कार्यवाही शुरू की. जांच अधिकारी द्वारा अनुपस्थिति के आरोप को सत्य प्रमाणित किया गया .
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डॉ. चन्दना कुमारी 05 अप्रैल 2022 से लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित थीं .विभाग ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर विभागीय संकल्प संख्या-502(9) दिनांक 16 मई 2023 के तहत कार्यवाही शुरू की. जांच अधिकारी द्वारा अनुपस्थिति के आरोप को सत्य प्रमाणित किया गया .
सरकार ने माना सेवा करने की इच्छुक नहीं
आपको बता दें कि 24 अगस्त 2023 को उनसे द्वितीय कारण पृच्छा (शोकॉज़ नोटिस) का जवाब मांगा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला . जवाब न आने पर विभाग ने 31 मार्च 2024 को दैनिक समाचार पत्र में सार्वजनिक सूचना जारी कर अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका भी दिया . इसके बावजूद कोई उत्तर नहीं देने पर माना गया कि वे सेवा में बने रहने की इच्छुक नहीं हैं.फिर विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से इसपर सहमति मांगी, जो आयोग ने पत्रांक 592 दिनांक 15 मई 2025 द्वारा दे दी .अंततः राज्य मंत्रिपरिषद ने स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए डॉ. चन्दना कुमारी को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया .
मंझौल अनुमंडल अस्पताल में हुई थीं पोस्टिंग
आपको बता दें कि मंझौल अनुमंडल अस्पताल में इनकी पोस्टिंग साल 2022 में हुई थीं. लेकिन कभी पोस्टिंग के बाद अस्पताल आएं ही नहीं.आपको बता दें कि इस कार्रवाई की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शैलेश कुमार ने की है . बता दें कि लोकल18 लगातार जमीनी रिपोर्ट्स के जरिए यह दिखाता रहा है कि किस तरह कई अस्पतालों में डॉक्टर नदारद हैं, मरीज दर-दर भटकते हैं और संसाधनों के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगे हैं. यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब लापरवाह सरकारी डॉक्टरों पर शिकंजा कसा जाएगा .