For 15 years, the game of notices and notices has been changing, governments have been changing | 15 साल से नोटिस-नोटिस का खेल, बदलती रही सरकारें: सर्किट हाउस कैंपस में मजार की आड़ में होता रहा अवैध निर्माण – Varanasi News


सर्किट हाउस परिसर में मौजूद मजार की आड़ में हुए अतिक्रमण, अवैध निर्माण को तोड़ता बुलडोजर

जिला मुख्यालय पर विकास भवन के सामने सर्किट हाउस परिसर में मौजूद लाट शाही मजार की आड़ में एक तरफ अवैध निर्माण, अतिक्रमण होता रहा, दूसरी तरफ जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग एक्शन लेने के बजाय अपने बचाव के लिए नोटिस नोटिस का खेल खेलता रहा। सूबे में सर

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सर्किट हाउस परिसर स्थित लाट शाही मजार

सर्किट हाउस परिसर स्थित लाट शाही मजार

मायावती के शासनकाल से जारी है नोटिस का खेल

दैनिक भास्कर के पास लाट शाही मजार की आड़ में हो रहे अतिक्रमण को लेकर वर्ष 2010 में ACM चतुर्थ की तरफ से जारी नोटिस की कॉपी है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में अक्टूबर 2010 में जारी नोटिस में मजार के पास हो रहे निर्माण को लेकर आपत्ति जताते हुए तत्काल काम रुकवाने और जमीन से संबन्धित कागजात प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके निर्माण कार्य बदस्तूर जारी था क्योंकि ऊपर से आदेश था कि कार्रवाई कागजों तक ही सीमित रहे।

10 साल पुरानी मजार की फोटो

10 साल पुरानी मजार की फोटो

दो दशक बाद शुरू हुई अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई

दो दशक बाद शुरू हुई अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई

अखिलेश सरकार में खड़ा हुआ पिलर, योगीराज में टीनशेड

मायावती की सरकार के बाद अखिलेश यादव के कार्यकाल में मजार की आड़ में सबसे अधिक अतिक्रमण हुआ। अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2015 में मजार की कमेटी से जुड़े लोगों ने सर्किट हाउस परिसर में एक बीघे से अधिक जमीन कंटीले तार, झुग्गी, गुमटी रखकर कब्जा किया। मजार पहले टीनशेड में था। जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग नोटिस, चेतावनी की औपचारिकता पूरी करता रहा, उधर मजार के चारों तरफ पिलर खड़े कर दिए गए। इस बीच 2017 में सूबे में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार आ गई। योगी सरकार के आने के बाद भी चोरी छिपे निर्माण जारी रहा और पिलर ढाल कर पक्का निर्माण करा दिया। मजार के पिछले हिस्से के एक बड़े भूभाग पर टीन शेड डाल दिया गया।

सीएम की बैठक में उठा था अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई का मुड़ा

सीएम की बैठक में उठा था अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई का मुड़ा

सीएम की बैठक में उठा कब्जे का मुद्दा

सीएम योगी आदित्यनाथ बीते दिनों 17 जुलाई को वाराणसी में थे। सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान दालमंडी सड़क चौड़ीकरण के साथ ही शहर में सरकारी संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जों, परिसर में मौजूद मजार की आड़ में हुए अवैध कब्जे का मुद्दा भी सामने आया था। सीएम ने अवैध कब्जों को लेकर नाराजगी जताई थी। माना जा रहा कि सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग रविवार 20 जुलाई को बुलडोजर लेकर सर्किट हाउस पहुंचा और मजार के अगल बगल हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही।

बुलडोजर देख खुद से अतिक्रमण हटाने लगे

बुलडोजर देख खुद से अतिक्रमण हटाने लगे

मजार कमेटी को 03 दिन का अल्टीमेटम

वाराणसी के सर्किट हाउस परिसर में मौजूद लाट शाही मजार की आड़ में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को तोड़ने PWD का बुलडोजर सोमवार पहुंचा। शेष अतिक्रमण को हटाने के बाद जमीन को समतल करने की कवायद शुरू की। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि मजार से जुड़ी कमेटी को तीन दिन का समय दिया गया है कि मजार के अतिरिक्त जितने भी अवैध निर्माण, अतिक्रमण बचे हैं, उन्हें हटा लें।

मई में भी नोटिस देकर दी थी चेतावनी

लोक निर्माण विभाग की तरफ से 27 मई को लाट शाही मजार की कमेटी से जुड़े मोहम्मद जफर को 27 मई 2025 को नोटिस दी गई थी कि एक सप्ताह के भीतर मजार के अगल बगल हुए अवैध निर्माण को हटा लें अन्यथा कार्यवाही की जाएगी, जिसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके सिंह ने बताया कि इस नोटिस पर भी मजार से जुडी कमेटी ने कोई ध्यान नहीं दिया। टीन शेड डाल दिया गया, गुमटी रख दी गई, त्रिपाल डालकर झोपडी बना ली गई थी। कमेटी से कहा गया था कि यदि जमीन जिसपर निर्माण किया है, कोई दस्तावेज है तो उपलब्ध कराएं।

समयसीमा बीतने के बाद भी संबंधित पक्ष ने कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। अभी फिलहाल मजार के मुख्य स्थान को छोड़कर आसपास हुए निर्माण और अतिक्रमण को हटाया गया है। मजार जिस भूमि पर बना है, उससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया है। हालांकि एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि 1291 फ़सली के रिकॉर्ड में लाट शाही मजार दर्ज है। फिलहाल राजस्व विभाग के साथ ही मजार से जुड़ी कमेटी से भी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया है।

सर्किट हाउस में ठहरते हैं सीएम

जिला प्रशासन के सहयोग से रविवार को सर्किट हाउस परिसर स्थित लाट शाही मजार के अगल बगल हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण को बुलडोजर से तोड़कर हटा दिया गया था। पुलिस प्रशासन को लगातार इंटेल मिल रहा था कि यहां देर रात तक कुछ अवांछनीय तत्वों का भी जमावड़ा हो रहा है। गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ जब भी वाराणसी दौरे पर आते हैं, सर्किट हाउस परिसर में ही विश्राम करते हैं।

भिक्षुओं का रहता जमावड़ा, लगातार अतिक्रमण

मंडल आयुक्त कार्यालय के प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ से नवीन सर्किट हाउस जाने का रास्ता है, इसी रास्ते पर लाट शाही मजार मौजूद है। वीवीआई एरिया होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को भी खतरा पैदा हो रहा था। गुरुवार को यहां अत्यधिक भीड़ उमड़ती है, शहर के विभिन्न हिस्सों से भिक्षा मांगने वाले भी पहुंचते हैं। ये कई दिनों तक आसपास भिक्षा मांगने का काम शुरु कर देते हैं।

406 सरकारी जमीनों में से एक पर है मजार

वक्फ की संपत्तियों से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के दौरान वक्फ की संपत्तियों के सर्वे के आदेश दिए गए थे। स्थानीय जिला प्रशासन ने सर्वे कराया तब मालूम हुआ कि वाराणसी में 406 सरकारी जमीनों पर मस्जिद, मजार का निर्माण हुआ है जिसमें से एक लाट शाही मजार भी शामिल है। इसे वक्फ बोर्ड ने अपने दफा 37 रजिस्टर में दर्ज कर रखा था।



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