BJP leaders angry over waterlogging in Meerut | मेरठ में जलभराव से आक्रोशित भाजपा नेता: डीएम-नगर आयुक्त को मौके पर ले गए, कहा- कार्यालय में बैठकर नहीं सुलझेगी समस्या – Meerut News
शुभम | मेरठ3 मिनट पहले
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मेरठ में बारिश के बाद जलभराव की समस्या को लेकर राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने डीएम डॉ वीके सिंह और नगर आयुक्त सौरभ सिंह गंगवार को मौके पर ले जाकर स्थिति का जायजा लिया। वाजपेई ने कहा कि कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होता।
4-5 घंटे की बारिश में पूरा शहर हुआ जलमग्न, डीएम ने कहा आखिर मानसून से पहले क्यों नहीं हुई सफाई
जिलाधिकारी वी के सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बुढ़ाना गेट, ईव्ज चौराहा, इंदिरा चौक और बच्चा पार्क सहित विभिन्न जलभराव क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर रहकर पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले आखिर नालों की सफाई क्यों नहीं हुई। शहर में 4-5 घंटे की बारिश में पूरे शहर में जल भराव हो गया। उन्होंने नगर आयुक्त से कहा कि नाला सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन धरातल पर स्थित बेहद चिंता जनक हैं।

जलभराव की प्रमुख समस्या नालों का ओवरफ्लो और ड्रेनेज सिस्टम की खामियां
शहर में जलभराव की प्रमुख वजह नालों का ओवरफ्लो और ड्रेनेज सिस्टम की खामियां हैं। डीएम ने नगर निगम और संबंधित विभागों को सभी प्रभावित क्षेत्रों से तुरंत पानी निकासी के निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम में सुधार और नालों की नियमित सफाई के आदेश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि शहर में प्रमुख नालों की सफाई तुरंत कराई जाए। इसे नालों में पानी का फ्लो बना रहेगा। यदि आदेश के बावजूद सफाई नहीं हुई तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की गई।

पार्षद कुलदीप राजेश वाल्मीकि और संदीप रेवड़ी में की थी राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई से शिकायत
भारतीय जनता पार्टी के पार्षद कुलदीप राजेश वाल्मीकि ने बताया कि मानसून से पहले नाला सफाई का अभियान तो चलाया जाता है। लेकिन हकीकत में स्थिती कुछ हो रहा है। जिस वजह से बारिश होते ही शहर में जलभराव हो जाता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। बारिश होती ही जलभराव जरूर होता है। शिवरात्रि पर भी कांवड़ियों को गंदे पानी में से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा था।