Zeeshan had fled leaving a letter at home | जीशान ने कहा था- अम्मी मैं गलत काम नहीं करूंगा: मेरठ में पिता बोले- घर पर लेटर छोड़कर भागा, लिखा- सारा कर्जा चुकाकर लौटूंगा – Meerut News
‘अम्मी मैं कोई गलत काम नहीं करूंगा। ईमानदारी से पैसे कमाऊंगा। इस बार मैं खुद घर से जा रहा हूं। जितना मैंने कर्जा लिया है। जब तक उतना मैं कमा नहीं लेता तब तक नहीं आऊंगा। कोई परेशान न होना। मुझसे जो गलती हुई है, उसके लिए माफ कर देना। अब्बू पूछें तो कह
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ये वो लाइनें हैं, जो जीशान ने एक साल पहले घर से भागने से पहले चिट्ठी में लिखी थीं। अम्मी के नाम लिखी इस चिट्ठी में उसने लिखा- अब वो अच्छा आदमी बनकर लौटेगा। दोस्तों से भी संबंध खत्म कर देगा। फिर वह एक साल तक घर नहीं लौटा।
पिता ने बताया- उसने अपनी अम्मी से आखिरी बार मई 2025 में बात की थी। तब उसने मां से कहा कि वो जल्द घर आएगा। लेकिन आज तक वो घर नहीं आया। उसने लिखा था कि अच्छा आदमी बनेगा, मगर वह तो आंतकी बन गया।
उसे उसके किए की सजा जरूर मिले। मेरा उससे कोई संबंध नहीं है। मुझे 23 जुलाई की दोपहर में पता चला कि उसे नोएडा से गुजरात की एटीएस ने अरेस्ट किया है। उसके टेररिज्म एक्टिविटी में शामिल होने की आशंका है।
दैनिक भास्कर एप टीम किठौर के ललियाना गांव जीशान के घर पहुंची। यहां जीशान की अम्मी और उनके पिता से बात की। उसके परिजनों ने उसके बारे में क्या बताया, पढ़िए रिपोर्ट…

जीशान के पिता आसिफ अली ने कहा- मेरा अब उससे कोई वास्ता नहीं।
खुद की किडनैपिंग कराकर 10 लाख मांगे जीशान के पिता आसिफ मेरठ में एक दुकान चलाते हैं। बिजली मिस्त्री का भी काम करते हैं। बताया कि हमारी जीशान से एक साल से कोई बात नहीं हुई। केवल उसकी अम्मी से कभी-कभी फोन पर बात हो जाती थी। वो भी सामान्य बातें होती थीं। जो अमूमन एक मां, बच्चे के बीच होती हैं। उसने कभी नहीं बताया कि वह कहां है? क्या काम करता है? इसके बारे में हमें कुछ नहीं पता।
एक साल पहले मेरे फोन पर एक कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा- तुम्हारे बेटे का अपहरण हो गया है, 10 लाख रुपए नहीं दिए तो मार डालेंगे। मैं पुलिस के पास गया। पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। पता चला कि वह पबजी गेम खेलता था।
इसमें वह पैसे हार गया था। जिस कारण उस पर कर्ज हो गया था। इसलिए उसने अपनी किडनैपिंग प्लानिंग की। दोस्त से फोन कराकर मुझसे 10 लाख रुपए मांगे।

जीशान एक साल पहले घर छोड़ने से पहले ये चिट्ठी लिखकर गया था।
घर छोड़कर गया तो मैंने उसे बेदखल कर दिया आसिफ अली ने बताया- इसके बाद से मैंने उसे यहां से हटाने का मन बना लिया। जब वो चिट्ठी छोड़कर गया तो हमें लगा कि इसे बेदखल कर दो। फिर मैं डीएम के पास गया। उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा। लिखा- मेरा जीशान से कोई संबंध नहीं है। मेरी प्रॉपर्टी पर उसका कोई हक नहीं होगा। अब हमें पता चला कि उसे आतंकी गतिविधि में पकड़ा गया है। खैर, मेरा अब उससे कोई संबंध नहीं है।
मैंने उसे 7 नवंबर, 2024 को घर से निकाल दिया था।
बताया- पहले हम दो बार उसका कर्जा उतार भी चुके थे। लेकिन उसने हमें सही बात नहीं बताई। इसके बाद उस पर फिर कर्जा हो गया। हमें तो बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे जानकारी मिली कि उसे उठा लिया गया है। उसने कुछ गलत पोस्ट कर दी है। दो साल से उसने पढ़ाई खत्म कर रखी है।

जीशान के पिता का कहना है कि अगर वह गलत है तो मैं उसके साथ नहीं हूं। उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पिता बोले अगर बेटा गलत तो एक्शन लिया जाए आसिफ ने बताया- मेरे 4 बेटे और 4 बेटियां हैं। जीशान सबसे छोटा है। जीशान के बड़े तीन भाइयों की शादी हो चुकी है। वहीं उसकी बहनों की भी शादी हो चुकी है। अगर बेटा गलत है तो वो अपने किए की सजा भरेगा।
बताया- जीशान पढ़ाई में पहले जितना शॉर्प था, बाद में वो उतना ही बेकार होता चला गया। उसने नवोदय स्कूल का एग्जाम क्रैक करके स्कूल में एडमिशन लिया। इसके बाद स्कूल में पढ़ाई के दौरान उसकी पढ़ाई बिगड़ती चली गई। 11वीं में उसने साइंस सब्जेक्ट लिया था।
12वीं में जीशान बायोलॉजी और मैनेजमेंट दोनों विषयों में फेल हो गया। उसके बाद वो न तो स्कूल में दोबारा पेपर देने आया न ही उसने स्कूल में अपनी टीसी या मार्कशीट के लिए ही कांटेक्ट किया। उसके डॉक्यूमेंट आज भी स्कूल के पास पड़े हैं।

ललियाना गांव स्थित जीशान का पैतृक घर, जहां पर रहकर पढ़ाई करता था।
4 भाइयों में सबसे छोटा है जीशान जीशान के पिता मूल रूप से नोएडा के रहने वाले हैं। कई साल पहले वह मेरठ आकर बस गए। जीशान 4 भाइयों में सबसे छोटा है। बड़ा भाई फैजल टाइल्स लगाता है। दूसरा भाई रिहान जनसेवा केंद्र चलाता है। रुहेल अभी कुछ नहीं करता।
जीशान नोएडा में रहकर पढ़ाई करता था। उसके ताऊ एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं। वह गाजीपुर मंडी में मंडी समिति के चेयरमैन भी रहे हैं। हालांकि, जीशान का इस परिवार से यहां ज्यादा उठना-बैठना नहीं था।

ये नोएडा में वही दुकान है, जहां जीशान अक्सर आता था। घंटों बैठा रहता था।
नोएडा की मोबाइल की दुकान पर घंटों समय बिताता था जीशान
नोएडा में जीशान छिजारसी स्थित मेन रोड पर ‘सैनिक कम्युनिकेशन’ नाम की दुकान पर अक्सर आता था। यहां वह घंटों बैठता था। स्थानीय जान मोहम्मद ने बताया, मंगलवार (22 जुलाई) को एटीएस टीम पहुंची। दोपहर 1:30 बजे के करीब जीशान को पकड़ कर ले गई।
उन्होंने कहा- वह दुकान पर अक्सर बैठा नजर आता था। काफी देर तक खड़ा रहता था। वह लोगों से छिपकर मोबाइल पर बातचीत करता था। हमारे मोबाइल पर भी कॉल करता था। करीब 30 दिन पहले उसने दुकान के पास ही किराए पर कमरा लिया था।

23 जुलाई को को ATS ने जीशान को पकड़ा 23 जुलाई को गुजरात एटीएस ने जीशान के अलावा गुजरात से दो और दिल्ली से एक आंतकी को पकड़ा। चारों आरोपी अल कायदा के अल कायदा इन इंडियन सब कॉन्टीनेंट (AQIS) से जुड़े बताए जा रहे हैं। ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कुछ संदिग्ध ऐप्स के जरिए लोगों को अल-कायदा से जोड़ने के काम में सक्रिय थे। सोशल मीडिया के जरिए लड़ाके भर्ती कर रहे थे।
गुजरात एटीएस को इनके पास से कुछ सोशल मीडिया हैंडल और चैट भी मिले हैं। साइबर टीम भी इसकी जांच में जुटी हुई है। एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि चारों मैसेजेज को ऑटो-डिलीट करने वाली एप्लिकेशन का भी इस्तेमाल कर रहे थे।
कैसे बना अल कायदा? अल-कायदा का अरबी में मतलब ‘आधार’ होता है। 1980 के दशक में अफगानिस्तान पर सोवियत संघ का कब्जा था, उस दौर में सोवियत संघ को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए कई संगठन बने। इन संगठनों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन था। इनमें से एक अल-कायदा भी था। ओसामा बिन लादेन ने इसका गठन किया था। उसे सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे मुजाहिद्दीनों का भी समर्थन था।
भारत में आतंकी संगठन AQIS कितना एक्टिव दिल्ली में 2015 में तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद AQIS की भारत में मौजूदगी का पहली बार पता चला था। दिल्ली पुलिस ने बाद में AQIS के आतंकी मौलाना अब्दुल रहमान कासमी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया कि इस आतंकी संगठन ने झारखंड के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप बना रखा है।

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