Folk singing by Padma Shri Malini Awasthi in Sawan Utsav | सावन उत्सव में पद्मश्री मालिनी अवस्थी की लोकगायकी: परंपरागत सावन गीतों से श्रोताओं को किया भाव विभोर, राज्यपाल समेत कई गणमान्य रहे मौजूद – Lucknow News
लखनऊ3 घंटे पहले
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उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में सावन उत्सव का रंगारंग आयोजन हुआ। इस अवसर पर लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपनी गायकी से कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने सावन के पारंपरिक गीतों कजरी की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को आनंदित किया।
कार्यक्रम में संगीत संगत भी प्रभावशाली रही। तबले पर अतहर हुसैन, ढोलक पर अंकित कुमार और हारमोनियम पर पंडित धर्मेंद्र मिश्र ने संगत की। सारंगी पर उस्ताद मुराद अली, सितार पर नीरज मिश्रा और बोर्ड पर सचिन कुमार ने संगति की ।
सावन के गीतों की प्रस्तुति दी
मालिनी अवस्थी ने कई लोकप्रिय सावन गीत प्रस्तुत किए। इनमें ‘सावन का नजारा है’, ‘घेर घेर बरसें बदरिया’, ‘सावन का महीना पवन करे शोर’ और ‘जीयरा झूमे ऐसे जैसे वन में नाचे मोर’ शामिल थे। साथ ही ‘बरसन लागी बदरिया रे सजनी’, ‘कजरी बन बन बोले रे कागा’, ‘अईले सावन के झूला पड़ गइल’ और ‘रिमझिम बरसे बदरिया’ जैसे गीत भी गाए। हर प्रस्तुति पर श्रोताओं की तालियों से सभागार गूंज उठा।
अपनी प्रस्तुति के दौरान मालिनी अवस्थी ने कहा कि सावन सिर्फ ऋतु नहीं, एक भाव और संस्कृति है। उन्होंने बताया कि दो सौ साल पहले जब जीवन में तकनीक नहीं थी, तब नवविवाहिता स्त्रियों के लिए सावन मायके की यादों का महीना होता था। वे गीतों के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट करती थीं।
ये गणमान्य शामिल हुए
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मुख्य अतिथि रहीं। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह भी उपस्थित थे। वरिष्ठ व्यापारी मुकेश सिंह, पद्मश्री विद्या विंदु सिंह और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी एवं समाजसेवी नम्रता पाठक सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम का आनंद लिया।


