Fraud, breach of trust cases are different: High Court | धोखाधड़ी, विश्वासघात के मामले अलग हैं : हाईकोर्ट: मुरादाबाद के मामले में हाईकोर्ट ने एसीजेएम का सम्मन आदेश रद्द किया – Prayagraj (Allahabad) News
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि धोखाधड़ी (420 आईपीसी)और आपराधिक विश्वासघात (486 आईपीसी) के अपराध एक ही मामले में एक साथ नहीं हो सकते क्योंकि वे एक दूसरे के विपरीत हैं। इसी सिद्धांत के आधार पर कोर्ट ने मुरादाबाद के एक मामले में
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यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने मुरादाबाद के शराफत की याचिका पर दिया है। शराफत ने याचिका में अपने खिलाफ चल रही मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने की मांग की थी। उसके वकील ने तर्क दिया कि याची निर्दोष है और उसके खिलाफ प्रथमदृष्टया कोई मामला नहीं बनता है। उन्होंने दिल्ली रेस क्लब (1940) लिमिटेड व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया, जिसमें यह माना गया था कि धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के अपराध स्वतंत्र व भिन्न हैं और दोनों एकसाथ मौजूद नहीं हो सकते क्योंकि वे एक दूसरे के विपरीत हैं।
कोर्ट ने कहा कि सम्मन आदेश कानून के अनुसार नहीं था इसलिए एसीजेएम कोर्ट मुरादाबाद के सम्मन आदेश को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने मामले को एसीजेएम कोर्ट मुरादाबाद वापस भेजने का निर्देश दिया ताकि सम्मन के बिंदु पर कानून के अनुसार जल्द नया आदेश किया जा सके।
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