Three FIRs registered fraud Lucknow uppolice Retired Officer Plot | लखनऊ में जालसाजी के तीन FIR दर्ज: रिटायर्ड अफसर से लेकर पुलिसकर्मी तक ठगे गए, कभी एपीके लिंक से तो कभी फर्जी कॉल से उड़ाए लाखों – Lucknow News
लखनऊ में साइबर और रियल एस्टेट ठगी के मामलों ने एक बार फिर सुरक्षा और सतर्कता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार को सामने आए तीन अलग-अलग मामलों में साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड संयुक्त निबंधक, पुलिसकर्मी और एक सामान्य नागरिक से कुल 1.53 लाख रुपये उड़
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एपीके लिंक से पुलिसकर्मी के खाते से निकाले गए 99 हजार
विशाल खंड-2 में रहने वाले जितेंद्र कुमार दिवाकर रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात हैं। 25 जुलाई की शाम उन्हें व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा गया‘आरटीओ ट्रैफिक चालान एपीके’ नाम से। लिंक खोलते ही उन्होंने अपना नाम और मोबाइल नंबर डाला, लेकिन जैसे ही फीस मांगी गई, उन्होंने ऐप बंद कर दी। कुछ देर में ओटीपी आने लगे और खाते से करीब 99,007 रुपये निकल गए। शिकायत साइबर सेल में दर्ज की गई है।
बेटी के एक्सीडेंट की झूठी कहानी, 35 हजार की ठगी
विनीत खंड-3 निवासी प्रदीप नंदी को 19 जुलाई को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनकी बेटी का एक्सीडेंट हो गया है और मदद की जरूरत है। घबराए प्रदीप ने बताए गए खाते में 35 हजार रुपये भेज दिए। बाद में पता चला कि कॉल फर्जी था।
रिटायर्ड संयुक्त निबंधक को 208 के ऑर्डर में 18,999 की चपत
विराट खंड-3 निवासी और हाईकोर्ट के रिटायर्ड संयुक्त निबंधक प्रमोद कुमार ने 15 जुलाई को एक ऑनलाइन ऑर्डर में 208 रुपये का भुगतान किया। कुछ देर बाद एक कॉल आई”ऑर्डर कन्फर्म कराना है”, और इसके साथ ही खाते से 18,999 रुपये पार हो गए।
सहकारी समिति ने प्लॉट के नाम पर 7 लाख ऐंठे, जमीन पहले ही बिक चुकी थी
बीकेटी के नवीकोट नंदना में आर्शीवाद सहकारी आवास समिति ने प्लॉट दिलाने के नाम पर आजमगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद से 7 लाख रुपये ले लिए। 2017 में पत्नी के नाम पर प्लॉट की रजिस्ट्री और कब्जा भी दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद पता चला कि वह जमीन पहले ही किसी और को बेच दी जा चुकी थी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर अध्यक्ष सुभाष साहू सहित पांच लोगों पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
सैन्यकर्मियों को प्लॉट का झांसा, महिला से 7.65 लाख की ठगी
एक और मामला मोहनलालगंज में सामने आया है, जहां एचके इंफ्राविजन प्राइवेट लिमिटेड नाम की रियल एस्टेट कंपनी पर सैन्यकर्मियों और आम लोगों को सस्ती जमीन का लालच देकर करोड़ों की ठगी करने का आरोप है।
गाजीपुर की ममता चौरसिया ने बताया कि 2017 में उन्होंने 7.65 लाख रुपये में प्लॉट खरीदा, लेकिन न तो कब्जा मिला, न ही रजिस्ट्री। बाद में कंपनी के निदेशक विनोद, प्रमोद और अन्य पर मोहनलालगंज थाने में केस दर्ज किया गया है।