Action taken after the death of pregnant woman in Karhal | मैनपुरी में प्रसूता की मौत के बाद कार्रवाई: स्वास्थ्य विभाग ने अवैध अस्पतालों को किया सील, पहले भी हो चुकी है मौत – Mainpuri News


आशीष कुमार | मैनपुरी2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मैनपुरी जिले में अवैध अस्पतालों और झोलाछाप क्लिनिकों की भरमार है। इन अस्पतालों में लापरवाही से होने वाली मौतों के बाद ही स्वास्थ्य विभाग सक्रिय होता है। हाल ही में एक प्रसूता की मौत के बाद विभाग ने कुछ अवैध अस्पतालों को सील किया है।

कुर्रा थाना क्षेत्र के गांव भटोआ निवासी रवि कुमार की 32 वर्षीय पत्नी नंदनी देवी को प्रसव पीड़ा के दौरान नगर के न्यू आशा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया था। 29 जुलाई को चिकित्सकों ने महिला का ऑपरेशन कर दिया। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद नंदनी की हालत बिगड़ गई।

मौत की खबर मिलते ही ग्रामीणों में फैला आक्रोश

डॉक्टरों ने उसे तत्काल सैफई अस्पताल ले गए। वहां से उसे आगरा के जीजी नर्सिंग होम रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान प्रसूता ने दम तोड़ दिया। मौत की खबर से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।

पति पर आया बच्चों को पालने का संकट

घटना की सूचना जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी गई। पुलिस ने गांव पहुंचकर मृतका के परिजनों को समझाया और शव का पोस्टमार्टम कराया है। मृतक महिला अपने पीछे पति और तीन बच्चों को रोता बिलखता हुआ छोड़कर चली गई है। सबसे बड़ी समस्या परिवार के लिए नवजात को पालने को लेकर हो गई है।

जिले में अवैध डॉक्टर के धंधे की भरमार

स्थानीय लोगों का कहना है कि मैनपुरी में हजारों अवैध अस्पताल, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब हैं। ये अवैध संस्थान स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में ही पनपते हैं। कठोर कार्रवाई न होने के कारण ये बेखौफ होकर संचालित हो रहे हैं।

अस्पतालों के नाम बदलने का चल रहा गोरख धंधा

करहल में स्थित आशा हॉस्पिटल में पहले भी प्रसव के दौरान महिला की लापरवाही की चलते मौत हो चुकी है। जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल को सील कर दिया था। वर्तमान में दोबारा से इसी अस्पताल को न्यू आशा हॉस्पिटल के नाम से संचालित किया जा रहा था। जो अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशा उठा रहा हैं।

स्वास्थ्य विभाग नहीं करता कठोर कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग अवैध अस्पतालों को अनदेखा करता रहता है। जब कोई मौत होती है, तभी विभाग सक्रिय होता है और कुछ लोगों पर कार्रवाई कर वाहवाही लूट लेता है। सील किए गए अस्पताल बाद में नाम बदलकर फिर से शुरू हो जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग कभी भी अभियान चलाकर इन अवैध संस्थानों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता।

मौत के बाद चलाया कार्रवाई का अभियान

प्रसूता की मौत के बाद शिकायत मिलने पर एसीएमओ सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस बल के साथ आज कस्बा करहल पहुंची है जहां उन्होंने सबसे पहले नगर पशु चिकित्सालय की निकट संचालित हो रहे न्यू आशा हॉस्पिटल पर छापा मारा है जहां अस्पताल का मौजूदा स्टाफ अभिलेख नहीं दिखा सका।जिसके चलते नई आशा हॉस्पिटल को सील किया गया तत्पश्चात स्वास्थ्य विभाग की टीम इटावा मैनपुरी बायपास मार्ग स्थित राधा रानी हॉस्पिटल एवं दिव्यांशी हॉस्पिटल पर पहुंची जहां अस्पताल की रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न मिलने पर अस्पताल को सील किया गया।

ACMO बोले- अस्पतालों के नवीनीकरण की हो रही जांच

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कस्बे में कई स्थानों पर छापेमारी की लेकिन उनके आने से पहले ही भनक लगते ही अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला डालकर गायब हो गये। नगर में छापेमारी से निजी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा रहा। एसीएमओ नोडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि निजी हॉस्पिटलों के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न पाए जाने पर हॉस्पिटलों के खिलाफ कार्यवाही का अभियान चलाया जा रहा है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *