BJP MLA Nand Kishore wrote a letter to Shivpal Yadav | भाजपा विधायक नंदकिशोर ने शिवपाल यादव को लिखा पत्र: कहा- मौलाना रशीदी ने डिंपल यादव को आपत्तिजनक शब्द कहे, फिर भी अखिलेश यादव चुप क्यों – Ghaziabad News



शिवपाल को पत्र लिखने वाले भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर।

भाजपा से गाजियाबाद की लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को पत्र लिखा है। यह पत्र मौलाना साजिद रशीदी द्वारा सपा सांसद डिम्पल यादव के खिलाफ की गई अश्लील एवं घोर आपत्तिजनक टिप्पणी पर चुप्पी को लेकर लिखा गया है।

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भाजपा विधायक ने कहा कि मौलाना साजिद रशीदी द्वारा आपकी पार्टी की सांसद व पुत्रवधु डिंपल यादव पर अत्यंत अश्लील एवं घोर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनके लिए … शब्द का प्रयोग किया गया, जो उनके मान-सम्मान का खुला अपमान है।

यह शब्दों का चीरहरण है

भाजपा विधायक ने पत्र में लिखा कि यह शब्दों के द्वारा चीरहरण का दुस्साहस है, सांसद डिंपल यादव भारतीय परधिान के पहनावों के साथ सभ्य एवं शालीनता के साथ सार्वजनिक जीवन व्यतीत करती हैं, इस टिप्पणी के बाद भी कुछ मौलानाओं ने रशीदी का समर्थन व बचाव भी किया।

इसके बावजूद पार्टी के अध्यक्ष व सांसद डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव के द्वारा इस ऐसे मौलाना के विरुद्ध प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई गई, जिससे पूरा देश हतप्रभ है।

पति का धर्म पत्नी के सम्मान की रक्षा करना

मैं लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ, जहाँ उपस्थित महिलाओं, छात्रों और बुद्धिजीवीओं के बीच इस विषय पर चर्चा हो रही थी। उनका कहना था कि पति का धर्म पत्नी के सम्मान की रक्षा करना है, और जब सपा पार्टी अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने विवाह के समय अग्निदेव जी को साक्षी मानते हुए जो सात फेरे लेकर पत्नी की रक्षा का संकल्प लिया था।

तो आज इस परिस्थिति में उन्हें अपनी धर्मपत्नी के सम्मान के लिए स्पष्ट व सख्त रुख अपनाते हुए मुकदमा दर्ज कराना चाहिए था, जो नहीं हुआ है। इससे लगता है कि उन्होंने विवाह नहीं निकाह किया है जिसमें शादी कॉन्ट्रैक्ट के समान होती है। उपस्थित लोगों का यह भी कहना था कि यदि वे अपनी पत्नी के मान-सम्मान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, तो प्रदेश की महिलाओं के सम्मान की रक्षा की उम्मीद उनसे कैसे अपेक्षित की जा सकती है और वे विपक्ष के नेता की भूमिका योग्य भी नही है।

आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि मुस्लिम नाम जुड़ते ही समाजवादी पार्टी मौन और दंडवत हो जाती है? ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी की सरकार आती है और वे दुर्घटनावश मुख्यमंत्री बन जाते है तो मुस्लिम जेहादी हिंदू महिलाओं के घर तक में घुस जाएंगे, उन्हें अपमानित करेंगे, लूट करेंगे और बलात्कार तक की घटनाओं पर अखिलेश यादव चुप रहेंगे।

जैसे वो अपनी पत्नी के अपमान पर सिर्फ इसलिए चुप है कि आरोपी एक मुस्लिम है? वोट बैंक के लिए इस कदर गिर जाना समाजवादी पार्टी के इतिहास में आज तक नहीं हुआ है।इससे पहले भी आपकी पार्टी के नेता ST हसन ने हिन्दू महिलाओं पर घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। मैंने पत्र आपको इस आशय से लिखा है कि आप एक पुराने समाजवादी और क्षत्रिय परंपरा के अनुयायी हैं।

भगवान श्री ने भी दंडित किया

महाभारत में जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ, तब यदुवंशी श्रीकृष्ण जी ने अन्याय के विरुद्ध नेतृत्व किया और दोषियों को दंडित किया। ऐसे में अखिलेश यादव जी और आपका इस विषय पर मौन रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री का धन्यवाद बनता है कि उन्होंने राजनीतिक विरोध से उपर उठकर सांसद के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

आज अपनी पत्नी तक के सम्मान की रक्षा सिर्फ इसलिए नहीं की जा रही है कि आरोपी मुस्लिम जेहादी है, ऐसे में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या द्वारा समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी कहना उचित ही है।

आपसे अपेक्षा है कार्रवाई करें

पत्र में विधायक ने आगे लिखा अतः आपसे अपेक्षा है कि इस पूरे प्रकरण में मौलाना साजिद रशीदी पर रासुका के तहत कार्यवाही के लिए आप पहल करेंगे, और अपने भतीजे का मार्गदर्शन करेंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट करने की कृपा करें कि ऐसा क्या कारण है कि जो पूरे प्रदेश एवं देश में यह संदेश गया है कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर सकते तो प्रदेश की बहू-बेटियों के सम्मान की रक्षा जेहादी तत्वों से कैसे करेंगे।



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