A teenager had returned home from the police station in Etah, died | एटा में थाने से घर पहुंचा था किशोर, मौत: 2 दरोगा लाइन हाजिर; परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर पिटाई कर अधमरा करने का लगाया आरोप – Etah News


नंद कुमार | एटा9 मिनट पहले

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एटा में 17 साल के नाबालिग का शव घर से 500 मीटर दूर मिला। परिजनों के मुताबिक, उसे एक लड़की को भगाने के आरोप में पुलिस ने थाने बुलाया था। शुक्रवार को वह बड़े भाई और मामा के साथ थाने पहुंचा, लेकिन पुलिसवालों ने बड़े भाई और मामा को भगा दिया था।

इसके बाद शुक्रवार रातभर बेटे को थाने में बंद कर पीटा गया था। हालत बिगड़ने पर शनिवार सुबह गांव से 500 मीटर दूर छोड़ दिया गया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। नाबालिग की मौत के बाद भारी संख्या में ग्रामीण जुट गए थे। शव को ट्रैक्टर में रखकर एसएसपी कार्यालय पहुंचकर हंगामा करने लगे थे। इसकी सूचना मिलते ही एएसपी राजकुमार सिंह मौके पर पहुंचकर उन्होंने जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। साथ ही दो दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

मृतक किशोर सत्यवीर भाई योगेन्द्र के साथ थाने पर पहुंचा था।

मृतक किशोर सत्यवीर भाई योगेन्द्र के साथ थाने पर पहुंचा था।

दैनिक भास्कर की टीम जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर मृतक किशोर सत्यवीर के गांव चंद्रभान पर उर्फ खरेटी पहुंची। यहां परिवार में मातम फैला हुआ था। रिश्तेदार और नेताओं का आना-जाना लगा हुआ था। गांव की गलियों में सन्नाटा, घर के बाहर जुटे दर्जनों लोग और घर के अंदर से परिजनों के रोते-बिलखते की आवाज सुनाई पड़ रही थी।

सत्यवीर का भाई योगेन्द्र जिसने उसे थाने तक पहुंचाया और फिर अधमरी हालत में लेकर लौटा। कहता है कि सुबह 9:20 पर प्रधान मानपाल सिंह के कहने पर उनके घर गया। वहां से 10:00 बजे भाई को लेकर निधौली थाना पहुंचा। पुलिस ने मुझे और मेरे दोस्त अवनीश को डांटकर भगा दिया। शाम को वकील के साथ थाने लौटा, 6:30 बजे पुलिस ने सत्यवीर को छोड़ा, कोई कागज साइन नहीं कराया। घर लौटकर वो खाट पर लेट गया। सुबह देखा तो उसकी सांस बंद थी।

सत्यवीर का भाई योगेन्द्र ने बताया कि भाई को थाने तक पहुंचाया और फिर अधमरी हालत में लेकर लौटा।

सत्यवीर का भाई योगेन्द्र ने बताया कि भाई को थाने तक पहुंचाया और फिर अधमरी हालत में लेकर लौटा।

मां का आरोप – छोड़ा तो जरूर, लेकिन 50 हजार लेकर

मृतक की मां का कहना है कि पुलिस ने छोड़ा नहीं, खरीदा था मेरा बेटा। दरोगा सुरेन्द्र ने कहा- 50 हजार दो, तभी छोड़ेगे। हमने नोट गिनकर दिए थे। उसी दिन छोड़ा गया।

पुलिस ने निधौली थाना परिसर के तीन CCTV फुटेज जारी किए हैं। जिसमें सुबह 10:00 बजे सत्यवीर अपने भाई और दोस्त के साथ थाने में दाखिल होता दिख रहा है। शाम 6:58 बजे, सत्यवीर और योगेन्द्र बाहर निकलते नजर आ रहे हैं।

सत्यवीर की बहन ने कहा कि भाई की मौत हो गई अब तो रक्षाबंधन का त्यौहार भी नहीं मना सकूंगी।

सत्यवीर की बहन ने कहा कि भाई की मौत हो गई अब तो रक्षाबंधन का त्यौहार भी नहीं मना सकूंगी।

इस मौत की कहानी की शुरुआत मार्च में हुई…

दरअसल, सत्यवीर के गांव से 500 मीटर दूर एक दलित लड़की की गुमशुदगी 17 मार्च 2025 को दर्ज की गई थी। इसी मामले में गांव से एक-एक कर लोगों को उठाया जा रहा था। परिवारों से पैसे लेकर छोड़ा जा रहा था।

गांव की महिला राजकुमारी ने बताया कि मेरे पति को पुलिस ने उठाया, बाद में 50 हजार लेकर छोड़ा। सब प्रधान के इशारे पर हो रहा है। पुलिस ने मेरे पति को पकड़कर ले गई, पिटाई किया। पति को छोड़ने के लिए पैसे की मांग किया। पुलिस को जब पैसा दिया गया तो पति को थाने पर से छोड़ा गया।

मंजू देवी ने कहा कि चार महीने पहले मेरा बेटे को भी पुलिस घर से उठा ले गई थी। पुलिस की मांग पर बेटे को छोड़ने के लिए डेढ़ लाख रुपए देना पड़ा। तब पुलिस ने बेटे को थाने से छोड़ा। पुलिस वालों की पिटाई से बेटे की तबीयत भी खराब हो गई थी।

जानिए पूरा मामला

एटा में 17 साल के नाबालिग का शव घर से 500 मीटर दूर मिला। परिजनों के मुताबिक, उसे एक लड़की को भगाने के आरोप में पुलिस ने थाने बुलाया था। शुक्रवार को वह बड़े भाई और मामा के साथ थाने पहुंचा, लेकिन पुलिसवालों ने बड़े भाई और मामा को भगा दिया था।

इसके बाद शुक्रवार रातभर बेटे को थाने में बंद कर पीटा गया था। हालत बिगड़ने पर शनिवार सुबह गांव से 500 मीटर दूर छोड़ दिया गया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। नाबालिग की मौत के बाद भारी संख्या में ग्रामीण जुट गए थे। शव को ट्रैक्टर में रखकर एसएसपी कार्यालय पहुंचकर हंगामा करने लगे थे। इसकी सूचना मिलते ही एएसपी राजकुमार सिंह मौके पर पहुंचकर उन्होंने जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। साथ ही दो दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

सत्यवीर (17) जयपुर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। उसके भाई ओमकार सिंह ने बताया- होली की बात है, जब गांव के ही बृजेश की लड़की को कोई भगा ले गया था। इसके बाद बृजेश ने गांव के चार-पांच लोगों पर आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। जिसमें सत्यवीर का भी नाम शामिल करवाया।

मृतक सत्यवीर की फाइल फोटो।

मृतक सत्यवीर की फाइल फोटो।

पुलिसवालों पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप

इसी सिलसिले में पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। 31 जुलाई को उसे जयपुर से बुलाया गया। जब वह शाम को घर पहुंचा तो पुलिसवालों ने शुक्रवार सुबह थाने आने को कहा। 1 अगस्त की सुबह 8 बजे सत्यवीर अपने बड़े भाई योगेंद्र और मामा के साथ थाने गया था। पुलिस ने योगेंद्र और मामा को भगा दिया। पूछताछ के नाम पर पुलिस ने सत्यवीर के साथ मारपीट की। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं।

परिजनों का आरोप है कि पुलिसवालों ने उसे बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। रातभर उसे थाने में रखा गया और सुबह 6 बजे गांव से करीब 500 मीटर दूर उसका शव सड़क किनारे मिला। सत्यवीर की मौत की खबर फैलते ही आसपास के लोग जुट गए।

एसएसपी गेट के सामने शव रखकर प्रदर्शन

परिजन शव को ट्रैक्टर में रखकर एसएसपी कार्यालय पहुंच गए थे। यहां गेट के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हंगामा बढ़ते देख एएसपी राजकुमार सिंह मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। परिजन शव को पुलिस को सौंपने से इनकार कर रहे थे। काफी समझाने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था।

मृतक के परिजनों ने थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, दरोगा सुरेन्द्र यादव, दरोगा आसिफ अली, सिपाही दिलीप यादव और पुष्पेंद्र के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पुलिसकर्मियों की पिटाई से ही युवक की मौत हुई है। परिजनों ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सत्यवीर की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने SSP ऑफिस के बाहर हंगामा किया था।

सत्यवीर की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने SSP ऑफिस के बाहर हंगामा किया था।

SSP ने दो दरोगा को किया था लाइन हाजिर

SSP श्याम नारायण सिंह ने बताया कि मार्च में एक लड़की गायब हुई थी, जिसकी जांच चल रही है। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की गई थी। संदेह के आधार पर सत्यवीर को भी थाने बुलाया गया था। वह अपने भाई और एक वकील के साथ थाने आया था। पूछताछ के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था।

परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिस ने सत्यवीर के साथ मारपीट की। जिससे उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले में दरोगा सुरेंद्र सिंह यादव, दरोगा आसिफ अली और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं। फिलहाल, दोनों दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

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