Ganga 97CM above the danger mark in Varanasi | वाराणसी में खतरे के निशान से 97CM ऊपर गंगा: BHU ट्रॉमा सेंटर से महज 800 मीटर दूर पानी,गांव में हजारों एकड़ फसल बर्बाद – Varanasi News

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वाराणसी में आठ दिनों तक लगातार बढ़ने के बाद गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। हालांकि, यह स्थिरता राहत की खबर जरूर है, लेकिन गंगा का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार,

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वाराणसी में इस वर्ष मानसून के दौरान अब तक कुल 535.9 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो कि सामान्य 415.6 मिमी से 29 फीसदी अधिक है। इससे स्पष्ट है कि बारिश का दबाव अधिक रहा है, जिसने बाढ़ की स्थिति को और विकराल बना दिया है

अब पहले वाराणसी के बाढ़ की तस्वीर को देखें….

सामने घाट मार्ग पानी से भरा।

सामने घाट मार्ग पानी से भरा।

सपा के नेता बाढ़ क्षेत्र में राशन लेकर पहुंचे।

सपा के नेता बाढ़ क्षेत्र में राशन लेकर पहुंचे।

ड्रोन फोटो में देखिए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट का नाजारा।

ड्रोन फोटो में देखिए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट का नाजारा।

कमिश्नर ने जल पुलिस के साथ की मीटिंग।

कमिश्नर ने जल पुलिस के साथ की मीटिंग।

मणिकर्णिका घाट के छत पर हो रहा शवदाह।

मणिकर्णिका घाट के छत पर हो रहा शवदाह।

वाराणसी का रविदास घाट पूरा डूबा,पार्क में घूसा पानी।

वाराणसी का रविदास घाट पूरा डूबा,पार्क में घूसा पानी।

हरिश्चंद्र घाट के गली में परिजन शव दाह का कर रहे इंतजार।

हरिश्चंद्र घाट के गली में परिजन शव दाह का कर रहे इंतजार।

बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर से महज 800 मीटर दूर है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सीढ़ियों की तरफ भी गंगा का पानी तेजी से बढ़ रहा है। शाम तक गंगा द्वार की 13 सीढ़ियां ही बची थीं। जिला प्रशासन के मुताबिक, वाराणसी के 44 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस कारण 1410 परिवारों को घर छोड़ना पड़ा है। 6244 किसानों की 1721 एकड़ फसल डूब गई है। इसी तरह शहरी क्षेत्र के 24 मोहल्ले भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

गंगा किनारे के 3 हजार मंदिर डूबे।

गंगा किनारे के 3 हजार मंदिर डूबे।

बाढ़ के पानी में डूबे मकान

गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा का जलस्तर बढ़ने से दीनदयालपुर, सलारपुर व पुलकोहना इलाकों के मकानों में पानी घुस गया है।रेलवे लाइन किनारे सलारपुर इलाके में नालों के सहारे रात में अचानक पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया।

लगभग 4 फीट तक पानी हो गया है लोग घर छोड़कर दूसरे स्थान पर शरण लिए हैं। वहीं पुराना पुल, पुलकोहना छोटी मस्जिद के पास, रुप्पनपुर, पैगम्बरपुर आदि इलाकों में लोग प्रभावित हैं.बाढ़ शिविर में लोगों को तीनों मीटिंग भोजन व दूध, दवा आदि दिया जा रहा है।

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