CBI searched the house of former chairman of RRB Gorakhpur | RRB गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन का घर CBI ने खंगाला: भर्ती के लिए बने पैनल में गड़बड़ी का है आरोप; 3 कर्मचारी भी जांच के दायरे में – Gorakhpur News
आरआरबी गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन के यहां सीबीआई ने जांच की है। मामला 2019 का है।
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन पीके राय के गोरखपुर स्थित आवास को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने खंगाला है। पूर्व चेयरमैन पर भर्ती के लिए आए पैनल में छेड़छाड़ करने का आरोप है। इस मामले में पहले ही उनपर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है
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रिक्ति से अधिक पदों पर भर्ती करने का आरोप पूर्वोत्तर रेलवे में रिक्तियों से अधिक पदों पर भर्ती करने का आरोप लगाया गया था। इसमें पैसे के लेन-देन का आरोप भी लगा था। रिक्त पदों से अधिक अभ्यर्थियों का पैनल जारी हो गया और उन्हें पूर्वोत्तर रेलवे में नौकरी नहीं मिली तो दूसरे रेलवे में समायोजित करना पड़ा। उसके बाद विजिलेंस की टीम ने जांच की थी और उस समय चेयरमैन रहे पीके राय को हटा दिया या था। वह वर्तमान में पूर्व रेलवे में कार्यरत हैं। इसी मामले में CBI जांच करने गोरखपुर पहुंची थी। पादरी बाजार स्थित उनके आवास पर जांच चली। इसके साथ ही RRB में ग्रुप डी कर्मचारी के रूप में कार्यरत एक कर्मचारी और तकनीकी विभाग में कार्यरत एक अन्य कर्मचारी से भी पूछताछ हुई। रेलवे में चर्चा है कि इन दोनों के पास भी काफी संपत्ति है। पीके राय का यह आवास भी काफी बड़ा है।
पैनल में अपने लोगों का नाम शामिल करने का आरोप CBI की रडार पर आए अधिकारियों पर आरोप है कि ये पैनल भी बदल लेते थे। अधिक नंबर पाने वाला कोई अभ्यर्थी यदि जवाइन करने नहीं आता था तो उसकी जगह दूसरा नाम शामिल कर लिया जाता था। इस काम में लंबा खेल हुआ था। यही कारण है कि पूर्व चेयरमैन पर उस समय कार्रवाई हुई थी। एक और चेयरमैन हटाए जा चुके हैं रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) गोरखपुर में 2024 में भी एक भर्ती घोटाला सामने आया था। इसमें दो रेलकर्मियों, कार्यालय अधीक्षक चंद्र शेखर आर्य और निजी सचिव (द्वितीय) राम सजीवन ने अपने बेटों को बिना किसी परीक्षा या दस्तावेजों की जांच के ही फिटर के पद के लिए पैनल में शामिल कर लिया था। यह घोटाला तब सामने आया जब 26 अप्रैल, 2024 को जारी पैनल में इन दोनों के बेटों, राहुल और सौरभ को बिना बिना परीक्षा दिए ही मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में फिटर के पद पर नियुक्त कर दिया गया। इस घोटाले के सामने आने के बाद, आरआरबी गोरखपुर के अध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया था और भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। इस मामले में तीनों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।