A unique view of Rakshabandhan in Dasna Jail | डासना जेल में रक्षाबंधन का अनोखा नजारा: जेल प्रशासन ने बनाया मायके जैसा माहौल, बहनों ने भाईयों को बांधी राखी – Ghaziabad News


प्रथम कुमार | गाजियाबाद5 मिनट पहले

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गाज़ियाबाद की दासना जेल में इस बार रक्षाबंधन का नज़ारा अनोखा रहा। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चले इस मिलन समारोह में 1157 पुरुष कैदी और 28 महिला कैदी अपने परिजनों से मिले।

जैसे ही जेल का दरवाजा खुला, बाहर इंतजार कर रहीं बहनों में हलचल मच गई। कुछ के हाथों में राखियों की थाल थी। कुछ मिठाई के डिब्बे लेकर आई थीं। चेहरों पर मिलन की खुशी साफ दिखाई दे रही थी। आंखों में लंबे इंतज़ार की नमी भी थी। कई बहनें महीनों बाद अपने भाइयों से मिल रही थीं। कुछ तो सालों बाद मिल रही थीं।

भाई भी पहुंचे बहनों से मिलने इस अवसर पर सिर्फ बहनें ही नहीं, 31 पुरुष भाई और 8 छोटे बच्चे भी अपने परिजनों से मिलने आए। कुल 2926 महिलाएं और 1067 बच्चे इस मौके पर जेल पहुंचे। हर राखी के साथ आंखें नम हो जातीं। फिर भी चेहरों पर वही पुराना अपनापन लौट आता।

जेल प्रशासन ने इस अवसर पर पूरे इंतज़ाम किए थे। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। अलग-अलग स्थानों पर विशेष ड्यूटी लगाई गई। आगंतुकों के लिए टेंट, ठंडा पानी, मोबाइल टॉयलेट और मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई थी।

जेल अधीक्षक ने बताया कि- उन्होंने प्रयास किया कि बहनों को यहां मायके जैसा माहौल मिले, जेल जैसा नहीं। दिन भर कई भावुक पल देखने को मिले। कहीं बहन भाई के माथे पर तिलक लगाते-लगाते रो पड़ी। कहीं भाई राखी बांधते ही बहन का हाथ देर तक थामे रहा। कुछ कैदियों ने स्वयं अपने हाथों से राखियां और उपहार बनाए। ये उपहार बहनों के लिए यादगार बन गए।

यह दिन सिर्फ एक त्योहार का नहीं था। यह याद दिलाता है कि सलाखें रिश्तों को रोक नहीं सकतीं। भाई-बहन का प्यार हर दीवार पार कर जाता है।



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