Ganga swells in Aligarh, water level crosses danger mark | अलीगढ़ मे गंगा उफनाई, जलस्तर खतरे के निशान से पार: नरौरा बैराज से छोड़ा गया है पानी, दादों में सैकड़ों बीघे फसल डूबी – Aligarh News



अलीगढ़ में शनिवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। नदी से सटे क्षेत्र में खेतों में पानी भर जाने से किसानों की सैकड़ों बीघे फसल डूब गई है। यहां से गुजरने वाले सड़क मार्ग पर भी पानी आ गया है। आशंका है कि अगर जलस्तर बढ़ा तो आबादी तक पानी प

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नरौरा से छोड़ा गया है पानी

प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा पिछले वर्ष सांकरा गंगा में ढ़ाई लाख क्यूसेक तक जलस्तर को सामान्य समझा था, लेकिन अब नरौरा बैराज से गंगा में 2 लाख 81 हजार 676 क्यूसेक पानी बह रहा है। जबकि ढाई लाख क्यूसैक से जलस्तर ऊपर जाना ही खतरा माना जा रहा था।

उससे 31 हजार 676 क्यूसेक पानी गंगा में खतरे के निशान को पार करके बह रहा है। गंगा के खतरे के निशान से ऊपर बह रहे जलस्तर को देखकर ग्रामीणों की नजरें प्रशासन की ओर टिकी हुई हैं।

दादौं के दर्जनों गावों में घुसा बाढ़ का पानी

शनिवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में के अंतर्गत आने वाले गांव रुस्तमनगर, कस्बा सांकरा, बबरोतिया, हमीरपुर, किरतौली, नगला आलिया, गतौली आदि गांवों में जंगल के समीप पानी पहुंच जाने से ग्रामीणों के पशुओं के खाने का चारा व खेतों में खड़ी धान-बाजरा की फसल जलमग्न हो गई है।

ग्रामीण यह देखकर परेशान हैं। ग्रामीण अपने परिवार को स्वयं सर्तक रखे हुए हैं। किसानों की फसल क्षेत्र में तो पानी आ ही गया हैं। अगर अब जलस्तर बढ़ता है तो पानी जरूर घरों में आ जाएगा। इधर कई गांव के नजदीक बाढ़ का पानी पहुंचने से कीटनाशक कीट भी जल में उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में बीमारी पनपने की चिंता होने लगी है।

कई जगह खोली गई हैं बाढ़ की चौकियां

क्षेत्रीय लेखपाल ने बताया प्रशासन ने श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज, सांकरा व सीसई इण्टर कॉलेज में बाढ़ चौकी पहले से ही स्थापित की गई है। इसी के साथ-साथ अगर कोई भी जहरीले कीटों, सर्प या अन्य किसी जहरीले कीड़े के द्वारा किसी भी व्यक्ति को कोई काट ले।

उसे बेहोशी या मौत होने जैसी समस्याएं हो तो इसकी दवा बिजौली के सीएससी केंद्र पर भी उपलब्ध करा दी गई हैं। हर आदमी वहां जा कर दवा ले सकता है। विशेष परिस्थिति में एम्बुलेंस की मदद ले सकता है।

नदी का पानी आबादी से काफी दूर एसडीएम अतरौली सुमित सिंह ने बताया कि गंगा का जलस्तर अब बढ़ गया है, जिसके चलते लेखपालों के साथ बाढ़ क्षेत्र का दौरा किय जायेगा और ग्रामीणों को समझाया गया है। अभी आबादी के करीब व फसल की आबादी में पानी है। प्रशासन द्वारा पूरी निगरानी की जा रही है। इसी के साथ रुस्तमनगर ग्राम पंचायत के प्रधान छोटे यादव ने बताया जलस्तर तो बढ़ गया है। जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। गंगा नदी का पानी आबादी क्षेत्र से काफी दूर है। खतरे जैसी कोई बात नहीं है। एहतियातन लोगों को समझाया जा रहा है। बाढ़ चौकियां मुस्तैद हैं।

अधिशासी अभियंता, नरौरा खंड गंगा प्रदीप सिंह पटेल ने बताया कि गंगा का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखकर तटवर्ती स्थानों पर रह रहे लोगों को सचेत किया गया है। प्रशासन ने बाढ़ चौकी बनाई है। लोग सतर्कता से रहें।



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