After 08 years, TFC is remembered, days will be better | 08 साल बाद आई TFC की याद, बहुरेंगे दिन: 253 करोड़ की लागत से हुआ तैयार, पब्लिक से है दूर, जानिए अब क्या कर रहा जिला प्रशासन – Varanasi News
ट्रेड फैसिलिटी सेंटर को लेकर बैठक करते कमिश्नर और डीएम
वाराणसी में बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल जिसे ट्रेड फैसिलिटी सेंटर ( TFC) के नाम से बुलाते हैं, को पब्लिक से जोड़ने के लिए नए सिरे से जिला प्रशासन खाका खींच रहा है। अभी तक लोकल पब्लिक TFC से कनेक्ट नहीं हो पाई थी वजह- यहां म
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल
बाबा दरबार में डेस्क, रोडवेज की व्यवस्था
कमिश्नर एस राजलिंगम ने ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के अधिकारियों को काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में एक हेल्प डेस्क स्थापित करने को कहा है ताकि मंदिर में दर्शन पूजन को आने वाले श्रद्धालुओं को TFC की जानकारी दी जा सके। भोजूबीर सिंधोरा मार्ग पर मौजूद TFC के लिए रोडवेज की बसों का संचालन करने पर भी सहमति बनी है।
प्रमोशन के लिए होटल्स में ब्रोशर
ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने TFC से जुड़े अधिकारियों को खुद से इंटरेस्ट लेकर प्रचार प्रसार के लिए कहा है। साथ ही शहर के सभी होटलों के रिसेप्शन पर TFC से जुड़ा ब्रोशर उपलब्ध कराने के लिए कहा है ताकि पर्यटक वहां आएं।
लोकल कनेक्ट के लिए छात्रों को भ्रमण कराएं, कम्पनी जोड़ें
कमिश्नर ने हस्तकला संकुल में मौजूद म्यूजियम का छात्रों को भ्रमण कराने की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपी गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक को कहा गया है कि विद्यालयवार छात्र छात्राओं को हस्तकला संकुल का भ्रमण कराएं और उन्हें काशी की हस्तकला उत्पादों की जानकारी दें। बच्चों की प्रतियोगिता कराएं ताकि TFC का प्रचार प्रसार हो।
शहर में विभिन्न कंपनियां अपने प्रमोशन कार्यक्रम अलग अलग स्थानों पर करती हैं। अधिकारियों को कम्पनियों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करके TFC में आयोजन कराने के लिए कहा गया है।

पीएम मोदी ने 2017 में किया था TFC का उद्घाटन
एक नजर में जानिए TFC की खासियत
253 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल।
43450 वर्गमीटर में फैला है हस्तकला संकुल।
हस्तकला संकुल में कुल 28 दुकानें और 54 मार्ट है।
संकुल में एक कंवेक्शन हॉल भी है जिसकी क्षमता 1200 सीट की है।
पीएम मोदी यहां कई बार आ चुके है। ODOP से जुड़े उत्पादों का शुभारंभ यहीं से किया गया था।
संकुल के एक हिस्से में म्यूजियम भी है जो काशी के
बुनकरों को समर्पित है।