An international fraud call center was caught in Kanpur, he worked in a fraud call center in Delhi and then became the kingpin of the frauds, 150 employees used to work in the call center for fraud, used to distribute 50 lakhs as salary | कानपुर में इंटरनेशनल ठगी के कॉल सेंटर का खुलासा: MBA पास ने कंपनी बनाकर 50 करोड़ से ज्यादा ठगा, कॉलसेंटर में 150 इंप्लॉई को 50 लाख मंथली सैलरी देता सरगना – Kanpur News



जेल भेजा गया ठगी का मास्टर माइंड पुनीत द्विवेदी।

कानपुर की क्राइमब्रांच ने इंटरनेशन साइबर फ्रॉड के कॉल सेंटर का खुलासा किया है। इस कॉल सेंटर में 150 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे और ठगों का सरगना एक महीने में अपने इंप्लॉई को कुल 50 लाख रुपए सैलरी देता था। कंपनी रोजाना 10 से 20 लाख रुपए का साइबर फ्

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शातिर ठग बिजनेसमैन को इंडिया मार्ट की तरह इंटरनेशनल मार्केट की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन और बड़ा ऑर्डर दिलाने का झांसा देकर पूरी ठगी करते थे। एमबीए पास युवक पहले खुद दिल्ली में एक ठग कंपनी के लिए काम करता था। इसके बाद खुद कंपनी खोलकर ठगों का सरगना बन गया। पुलिस ने शातिर को जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

दिल्ली में नौकरी की फिर खुद ही बन गया ठगों का मास्टर माइंड

डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि सिविल लाइंस स्थित ग्रीनपार्क सिक्का चौराहा के सामने एक मकान की फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर ठगी का कॉल सेंटर चल रहा था। कंपनी में काम करने वाले जितेंद्र कुमार ने ही ठगी का कॉल सेंटर चलने की शिकायत की थी। शिकायत के बाद क्राइमब्रांच ने Webixy Technologies प्राइवेट लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेड प्लाजा फर्म में छापा मारा। छापेमारी के दौरान पता चला कि कंपनी कंपनी मालिक पुलकित द्विवेदी समेत अन्य कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पुलिस अफसर भी दंग रह गए। कानपुर के सिविल लाइंस में बैठकर शातिर सिर्फ कानपुर या यूपी या पूरे देश में नहीं बल्कि कई देशों के कारोबारियों को झांसा देकर ठगी कर रहे थे।

संचालक पुलकित द्विवेदी ने बताया कि मैं पहले दिल्ली में रहकर एक प्राईवेट कम्पनी में काम करता था, फिर मैं एमबीए करने मुम्बई चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं कानपुर आ गया। इसके बाद हमने अपने दोस्त सत्यकांत साहू के साथ मिलकर वर्ष 2020 में Webixy Technologies Private Limited व ग्लोबल ट्रेड प्लाजा नाम से फर्म को शुरू किया। फर्म के एवज में मैंने तथा मेरे मित्र सत्यकात साहू ने मिलकर ओपन सोर्स साइटों से लोगो का डाटा प्राप्त कर देश विदेश के व्यक्तियों से डिजीटल रूप में सम्पर्क कराकर उनके कारोबार को इंटनेशनल रूप में पहचान दिलाने और उनको इंटरनेशनल बाजार से ऑर्डर दिलाने के नाम पर ठगी का काम शुरू किया। शातिरों ने सिर्फ इंडिया ही नहीं अमेरिका, थाईलैंड, इंग्लैंड, इंडोनेशिया और म्यामार समेत अन्य देशों के उद्योगपतियों से ठगी की है।

जांच में सामने आया कि कंपनी रोजाना 10 से 20 लाख रुपए की ठगी की रकम आती थी। अब तक अनुमान है कि शातिरों ने 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। यह आंकड़ा इससे भी कई गुना ज्यादा पहुंच सकता है। पुलिस ने संचालक शातिर पुलिस द्विवेदी को अरेस्ट करके जेल भेज दिया। जबकि उसके साथी व पार्टनर सत्यकाम साहू समेत अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

एक-दूसरे से बात नहीं करते थे इंप्लाई

शातिर ठग पुनीत द्विवेदी ने अपनी कंपनी की बहुत सख्त गाइड लाइन बना रखी थी। नौकरी ज्वाइन करने वालों से एक से चार साल तक का एग्रीमेंट करा लेता था। इससे कि कोई बीच से नौकरी छोड़ नहीं सके। इतना ही नहीं उसे टेलीकॉलिंग से लेकर अलग-अलग ग्रुपों में ठगी के कॉल सेंटर को बांट रखा था। नियम ये था कि कोई भी ग्रुप दूसरे से चर्चा या बात नहीं करेंगे। अगर ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कंपनी के नियमों के उल्लंघन की कार्रवाई होगी। इसके चलते आज तक किसी को भनक ही नहीं लगी कि शातिर पुनीत द्विवेदी ठगी का कितना बड़ा सिंडीकेट चला रहा और रातों-रात करोड़पति बन गया।

इस तरह कारोबारियों से करते थे ठगी

शातिर पुनीत द्विवेदी ने पूछताछ में बताया ने अलग-अलग माध्ययम से भारत और कई देशों के कारोबारियों की लिस्ट हासिल कर ली थी। इसके बाद उनके कारोबार काे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म और देश विदेश में ऑर्डर दिलाने यानी ग्लोबल डील के नाम पर कारोबारियों को झांसे में लेते थे। हम दोनों कस्टमरो को विवास में लेने के लिए ओपन कारपोरेट साइट से लेटर प्राप्त कर कस्टमरों को उनके माल का देश व विदेशो में अधिक मूल्य दिलाने के लिए उनके माल का प्रचार प्रसार करने हेतु सबसे पहले 60 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लेते थे।

जब कस्टमर हमारे झांसे में फंस जाता था तो हम लोग ही कस्टमर बनकर उसे कॉल करते थे। इसके करोड़ों का ऑर्डर देने के लिए उससे संपर्क करते थे। जब वह हमें माल देने के लिए तैयार हो जाता तो हम लोग उससे ट्रेड लेटर का हवाला देते तो जब क्सटमर हमसे ट्रेड लेटर के बारे में पूछता तो हम बता देते की बिना ट्रेड लेटर के हम आपका माल नहीं खरीद सकते हैं। इस पर कस्टमर फिर से हमसे संपर्क करता और पूछता था कि एक बड़ी डील का ऑर्डर आया है और अब इसमें हमें ट्रेड लेटर की जरूरत है। इस पर हम उससे ट्रेड लेटर के नाम पर 4 लाख रुपए तक वसूल लेते थे। इसी तरह कारोबारियों से अलग-अलग तरह से पैसों की ठगी कर लेते थे।

इस प्रकार हम लोग अलग-अलग कस्टमरों से अलग अलग पॉलिसी बताकर ठगी करते थे। जब हमारा काम अच्छा चलने लगा तो हम दोनों ने ठगी कर अधिक धन अर्जित करने के लिए बेरोजगार लडके लड़कियों को तलाश किया तथा बेरोजगार लड़के-लड़कियों को झूठ बताकर गलत जानकारी देते हुई टेलीकॉलर के रुप में नौकरी पर रखा तथा अपना काम कराने लगे हम, लोगों को विश्वास में लेने के लिए जो कॉल लेटर भेजते थे उन लेटर पर हम लोगों को अलग-अलग कम्पनियों की मोहर की आवश्यकता होती थी जिस कारण मैने तथा सत्यकाम ने ये फर्जी मोहरे फर्जी फर्मों के नाम पर बनवाई थी।

कंपनी के इंप्लॉई को करते रहे गुमराह

कंपनी में नौकरी छोड़ चुके शिकायत करने वाले कर्मचारी ने बताया कि जब मैं Webixy Technologies Private Limited में नौकरी करता था तब कम्पनी का पोर्टल Global Trade Plaza.Com के नाम से संचालित था। प्रार्थी को लगभग दो साल बाद जानकारी हई की उक्त कम्पनी के डायरेक्टर पुलकित द्विवेदी व सत्यकाम साहू व अन्य दो लोग पोर्टल TradeBorders.com, WorldBusinessCenter.com संचालित कर रहे थे। इसके अतिरिक्त यह लोग अमेरिका और यू०के० आदि देशों की काल्पनिक कम्पनियों जिनके फर्जी नाम Trading Biz LLC और SMH Trading Ohanapix है एवं जिनके क्रमशः काल्पनिक स्वामी Ranthamson and Philipshawn है। उक्त काल्पनिक कम्पनियां व्यक्तियों के वास्तविक स्वामी उक्त पुलकित द्विवेदी एवं सत्यकाम साहू ही है और इस प्रकार से वह अपना समान देश/विदेश में बेचने वाले व्यवसायियों को विदेशी खरीद्दार बनकर अपने कॉल सेन्टर के कर्मचारियों को धोखे में रखकर निरन्तर धोखाधड़ी ठगी कर रहे है। जिसमें व अपनी बैंक खातों ICICI BANK शाखा अशोक नगर, कानपुर एवं HDFC BANK शाखा सिविल लाइन्स, कानपुर के खातों में धनराशि संकलित कराते हैं।

6 खातों में फ्रीज कराई गयी लगभग 4.5 करोड़

डीसीपी क्राइम ने बताया कि ठगी के कॉल सेंटर की शिकायत 12 अगस्त को ग्वालटोली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसी मुकदमें में कॉल सेंटर संचालक पुलकित द्विवेदी पुत्र सत्यप्रकाश निवासी फ्लैट नं0 302 ए-ब्लॉक केडीए सिग्नेचर ग्रीन्स थाना नबाबगंज कानपुर नगर को अरेस्ट किया गया है।



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