12 villages submerged in Lucknow; Lucknow rains effects | Lucknow Dainik Bhaskar ground report | बारिश से डूबे लखनऊ के 12 गांवों का ड्रोन VIDEO: ढाई हजार लोगों के सामने खाने का संकट, बोले- सरकारी मदद नहीं मिली – Lucknow News
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15 दिनों से चारों ओर पानी ही पानी है। खेत तालाब हो गए हैं। स्कूल पानी में डूबा है। 10 बीघे से ज्यादा धान की फसल बर्बाद हो गई है। पिछले साल भी ऐसी ही तबाही आई थी। हर साल पूरी फसल पानी में डूबकर हमारी आंखों के सामने बर्बाद हो जाती है। बेबस होकर हम हर स
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यह कहना अकड़िया खुर्द के रहने वाले आकाश का। चेहरे पर घोर निराशा के भाव लिए आकाश ने बताया- इन सब के बावजूद हमें और गांववालों को कोई सरकारी मदद नहीं मिलती। इस साल भी फसल पानी में डूब गई है। इंसानों से लेकर पशुओं तक को खाने-चारे का संकट है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
लखनऊ में गोमती नदी के बढ़े जलस्तर से बीकेटी विधानसभा क्षेत्र के लगभग 12 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। दैनिक भास्कर टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। पढ़िए रिपोर्ट…।
पहले देखिए बाढ़ की तस्वीरें…

BKT तहसील का लासा गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है।

लासा गांव के लोगों को बाढ़ के पानी से होकर आवाजाही करनी पड़ती है।

बाढ़ के चलते लासा गांव के आस-पास खेतों में खड़ी धान की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है।

लासा और आस-पास के गांव के बच्चे बाढ़ के पानी से होकर आवाजाही करते हैं।
12 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
अकड़िया कला ग्राम पंचायत, हीरा पुरवा, खुर्द, लासा, दुभरा, जामखनवा, सुल्तानपूर, बहादुर पुर और हरदा गांव में चारों ओर पानी ही पानी है। सबसे अधिक नुकसान लासा, सुल्तानपुर और बहादुरपुर गांव में है।
नदी किनारे बसे इन गांवों के किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने से धान, लौकी, तोरई, भिंडी, करेला समेत तमाम फसल जलमग्न हो गई है। पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। दवा-इलाज प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय किसान रामदास ने बताया- प्रभावित गांवों के लगभग 2500 किसान हैं जो खेती करते हैं। 20 से 25 हजार बीघा फसल प्रभावित हुई है। फिलहाल फसल खराबे के सरकारी आंकड़े सामने नहीं आए हैं। कुल 65 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

क्षेत्रीय विधायक योगेश शुक्ला ने बाढ़ ग्रसित क्षेत्र का दौरा करके लोगों की स्थिति जानी।
अब जानिए गांव के लोगों की पीड़ा…
‘कोई मदद नहीं मिलती, हर साल की यही कहानी’
लासा गांव के रहने वाले बाल कुसुम ने बताया- उनका गांव मिलाकर लगभग 12 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। न तो इंसानों को खाना मिल रहा है और ना ही जानवरों को चारा मिल रहा है। अधिकारी आते हैं। बैंक की पासबुक, खसरा-खतौनी समेत तमाम कागजात मांगते हैं। फॉर्म भरकर चले जाते हैं।

मुआवजा न मिलने से किसानों की चिंता बढ़ी
लासा मंदिर के पास मिले विनय यादव ने बताया- हमें अब हर साल इसकी आदत हो गई है। 15 दिन से फसल बर्बाद हो रही है। हम लोग परेशान हो रहे हैं। अफसर लोग आते हैं। घूमकर चले जाते हैं।

‘डीएम के निर्देश के बाद भी नहीं मिली राहत सामग्री’
लासा गांव की रहने वाली सुमन ने बताया- घर के बाहर चारों तरफ पानी ही पानी है। न शौचालय की व्यवस्था है न खाने की। ना सड़क है, लाइट भी नहीं आ रही है। अंधेरे में सांप और बिच्छू का डर सताता है।

नाव की आस में बाढ़ पीड़ित किसान
किसान धीरज ने कहा- 15 दिन से हम लोग पानी में डूबे हुए हैं। डीएम के कहने के बाद भी बाढ़ ग्रसित क्षेत्र में अब तक नाव नहीं चलाई गई। हम लोगों को सरकारी मदद का सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। अब तक कुछ मिला नहीं।

बाढ़ से छात्र भी परेशान
सुल्तानपुर के रहने वाले 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रिंस ने कहा- प्रतिदिन घुटने तक पानी से होकर स्कूल जाना पड़ता है। सुल्तानपुर और बहादुरपुर गांव पूरा पानी में डूबा है। लोग गाड़ियां नहीं निकाल पाते हैं।

विधायक बोले- सरकार मदद में जुटी
सुल्तानपुर गांव पहुंचे बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला ने कहा- हम लोग पूरा प्रयास कर रहे हैं कि बाढ़ ग्रसित क्षेत्र में कोई समस्या ना हो। हमारा यह प्रयास है कि थोड़ा सा पानी कम हो तो एक सर्वे करवा कर किसानों की आर्थिक सहायता करें। हम लोग अलग-अलग जगह पर निरीक्षण कर रहे हैं।

चंद्रिका देवी के पास भी जलस्तर बढ़ा
BKT स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर में सुधन्वा कुंड है, जिसमें श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। इसमें सीधे गोमती का पानी आता है। गोमती का जलस्तर बढ़ने से सुधन्वा कुंड का भी जलस्तर काफी बढ़ गया है।

यह तस्वीर मां चंद्रिका देवी मंदिर स्थित सुधन्वा कुंड की है जिसका जलस्तर काफी बढ़ गया है।
मंदिर प्रशासन की ओर से इसमें स्नान करने पर चेतावनी दी गई है। इसमें स्नान का विशेष महत्व है इसलिए जो भी भक्त मंदिर आते हैं। वह सुधन्वा कुण्ड स्नान जरूर करते हैं। फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सावधानी बरती जा रही है।
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