Question to UP government for not collecting penalty from tent city company in ganga varanasi | टेंट-सिटी कंपनी से पेनाल्टी नहीं वसूलने पर UP-सरकार से सवाल: वाराणसी में गंगा किनारे बसाने पर NGT ने लगाया था 34.25 लाख जुर्माना – Varanasi News
वाराणसी में गंगा किनारे टेंट सिटी बसाने वाली कंपनियों से जुर्माना नहीं वसूलने पर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। एनजीटी ने यूपी सरकार की लापरवाही युक्त कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए।
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उनसे जुर्माने की राशि के संबंध में पूछा तो उचित जबाव नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। उधर, यूपी सरकार के वकील ने एनजीटी बेंच से अतिरिक्त समय की मांग की है। बता दें कि दोनों टेंट कंपनियों पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रुप में 34.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

वाराणसी में गंगा किनारे शहर के दूसरे छोर पर पिछले वर्षों में टेंट सिटी बनाई गई थी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गंगा किनारे कई एक्टिविटी भी शुरू की गई। इस टेंट सिटी को बसाने के लिए प्रशासन ने दो कंपनियों को जिम्मेदारी दी और 260 कॉटेज की टेंटसिटी तैयार की गई।
टेंट कारोबारी लल्लू जी एंड संस ने कटेसर में बनाए गए टेंट सिटी निरान में 120 टेंट लगाए थे, जो साढ़े चार माह रहे। इसे 30 जुलाई को हटा लिया गया था। प्रवेग कम्युनिकेशन इंडिया लिमिटेड की ओर से 140 टेंट लगाए गए थे।
टेंट सिटी से पर्यावरण को नुकसान होने की बात कहते हुए तुषार गोस्वामी की ओर से याचिका एनजीटी में दाखिल की गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 30 अक्तूबर 2023 को जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था। करीब सात मिनट तक हुई सुनवाई के बाद जब यूपी सरकार ने समय मांग ली तो अगली तारीख आठ अक्तूबर को दी गई है।

कंपनियों पर 34.25 लाख का जुर्माना
एनजीटी के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( यूपीपीसीबी) ने 23 नवंबर, 2023 को दोनों टेंट कंपनियों पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रुप में 34.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। यानि प्रत्येक टेंट कंपनियों पर 17.12 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। मामले में अब तक जुर्माना नहीं वसूला गया।

याची तुषार गोस्वामी के तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि दो बिंदुओं पर एनजीटी में सुनवाई हुई। पहला जुर्माना क्यों नहीं जमा किया गया दूसरा कछुआ सेंचुरी के मामले में एनजीटी को सुनवाई करने का अधिकार है कि नहीं ?
एनजीटी के तीन सदस्यीय पीठ चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल एवं विशेषज्ञ सदस्य ईश्वर सिंह के समक्ष सुनवाई हुई। लेकिन राज्य सरकार ने एनजीटी से अतिरिक्त समय की मांग की है। अगली तारीख 8 अक्टूबर तय की गई।