BSP leader Pintu Sengar murder case | बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड: एडवोकेट दीनू उपाध्याय जेल में दाखिल, पुलिस को मिली धमकी- आग लगेगी कचहरी में, सब बाल बच्चेदार हो – Kanpur News



एडवोकेट दीनू उपाध्याय को जेल ले जाते पुलिस अफसर

बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए एडवोकेट दीनू उपाध्याय को शनिवार को पुलिस ने जेल में दाखिल किया। हालांकि एडवोकेट को जेल में दाखिल कराने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सुबह साढ़े दस बजे भारी संख्या में पुलिस बल कचहरी से पैदल

.

बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में साढ़े चार साल बाद एडवोकेट दीनू उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू उपाध्याय नामजद हुआ था मगर रसूख और पहुंच के चलते केस से नाम निकल गया था। इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से होने के बाद उन्होंने मामले में जांच कराई। जिसमें प्रथम दृष्टया एडवोकेट के हत्याकांड में शामिल होने के सबूत पुलिस को मिले। जिसके बाद टीम बनाकर शुक्रवार को एडवोकेट दीनू उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया।

जेल में दाखिल कराना बहुत बड़ी चुनौती था

एडवोकेट दीनू उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद उसे जेल में दाखिल कराना पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती था। एडवोकेट को कोहना थानाक्षेत्र से गिरफ्तार कर शुक्रवार की रात वहीं थाने पर रखकर लिखापढ़ी की जा रही थी। इसी दौरान वहां पर एडवोकेट के समर्थक धीरे धीरे इकट्ठा होने लगे। पुलिस अधिकारियों ने अहतियात के तौर पर एडवोकेट दीनू को वहां से हटा दिया। कानून व्यवस्था की समस्या न पैदा हो इस कारण अधिकारियों ने निर्णय लिया की देर रात एडवोकेट को मजिस्ट्रेट के सामने पेशकर रिमांड लेकर रात में ही जेल में दाखिल कर दिया जाए।

रात में जेल में दाखिल नहीं करा सकी पुलिस

पुलिस ने देर रात लगभग दो बजे एडवोकेट को जेल में दाखिल कराने का प्रयास किया और उसी के अनुसार लिखापढ़ी भी कराई मगर किन्हीं कारणों की वजह से रात में एडवोकेट की रिमांड नहीं मिल सकी। जिसके कारण रातभर पुलिस एडवोकेट के अलग अलग थानों में रखे रही।

ढाई हजार फोर्स को लगाया गया

अब पुलिस के पास एडवोकेट को सुबह ही जेल में दाखिल करने का विकल्प बचा था और सुबह के समय इस कार्रवाई पर कानून व्यवस्था बिगड़ने के चांसेज भी बहुत ज्यादा थे। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने भारी संख्या में फोर्स की तैनाती कचहरी के चारों तरफ कर दी। इसमें आधा दर्जन एसीपी के अलावा इंस्पेक्टरों से लेकर सिपाही तक ढाई हजार पुलिस कर्मियों की फोर्स लगाई गई। मजिस्ट्रेट के सामने पेश कराने के बाद एडवोकेट को सुबह साढ़े दस बजे जेल में दाखिल कर दिया गया।

पुलिस लाइन से जेल तक पैदल ले जाया गया एडवोकेट

मजिस्ट्रेट कोर्ट में एडवोकेट दीनू उपाध्याय की पेशी के बाद पुलिस फोर्स उसे पुलिस लाइन ले गई। जहां से जेल तक पैदल लेकर आई और जेल गेट से उसे जेल में दाखिल करा दिया। इस दौरान फोर्स का सिर्फ एक ही मोटिव रहा कि किसी हालत में कानून व्यवस्था बिगड़नी नहीं चाहिए। इतना ही नहीं दीनू उपाध्याय को जेल में दाखिल कराने से पहले पुलिस फोर्स ने कचहरी के आसपास के इलाकों और कचहरी के बाहर रूट मार्च भी किया। जिससे अराजक तत्वों को संदेश साफ हो जाए कि गड़बड़ी होने पर पुलिस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी।

आग लगेगी कचहरी में, बाल बच्चेदार हो

एडवोकेट दीनू उपाध्याय को जेल में दाखिल करते वक्त उसके समर्थन में गेट पर पहुंचे लोगों ने पुलिस अफसरों को खुलेआम धमकी दी। उसमे से एक समर्थक ने चिल्लाकर कहा आग लगेगी कचहरी में। कर लो जितना फर्जी कर सकते हो। याद रखना सब बाल बच्चेदार हो। एडवोकेट को जेल में दाखिल करने के बाद पुलिस अफसर वापस निकले तो जेल परिसर से सड़क पर आते ही एक महिला समर्थक ने कहा अंतिम संस्कार वहीं होता है सबका… सबको भगवान के घर जाना है..एक बात ध्यान रख लेना। सबको बद्दुआ लगेगी समझ लेना।

अब जानिए क्या था पूरा मामला

20 जून 2020 को चकेरी थाना क्षेत्र में बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोलियों से भूनकर दिन दहाड़े जमीनी रंजिश में हत्या कर दी गई थी। पिंटू की हत्या सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिवंगत सपा नेता चन्द्रेश सिंह के घर के सामने उस समय कर दी गयी थी जब वो एक जमीन के सम्बंध मे बातचीत करने गए थे। हाई प्रोफाइल मर्डर केस में मृतक पिंटू के भाई धर्मेन्द्र सिंह सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, दीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह एवं अज्ञात हत्यारों के खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद हत्याकांड की साजिश मे आमिर बिच्छू, तौसीफ, तनवीर बादशाह, टायसन, वीरेंद्र पाल, सिपाही श्याम सुशील मिश्रा, के अलावा हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर हैदर, राशिद कालिया, फैसल कुरैशी, अहसान कुरैशी, सलमान बेग का नाम सामने आया था। पुलिस ने इन सभी को अरेस्ट करके जेल भेजा था। लेकिन विवेचना के दौरान पुलिस ने दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज और अधिवक्ता अरिदमन सिंह का नाम केस से बाहर कर दिया था। मृतक के भाई धर्मेन्द्र सिंह ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी। जिसके बाद फिर दीनू उपाध्याय का नाम केस में बढ़ाया गया। और फिर कार्रवाई भी की गई।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *