A state-of-the-art government polytechnic is being built in Milkipur, Ayodhya | अयोध्या के मिल्कीपुर में बन रहा अत्याधुनिक राजकीय पॉलिटेक्निक: मिल्कीपुर में बन रहा 14 करोड़ का राजकीय पॉलिटेक्निक, 30 % काम हुआ पूरा – Ayodhya News
अयोध्या के मिल्कीपुर क्षेत्र में 14 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का हो रहा निर्माण।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। इसी क्रम में अयोध्या के मिल्कीपुर क्षेत्र में 14 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। यह परियोज
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इस पॉलिटेक्निक संस्थान के निर्माण से अयोध्या और इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को न केवल उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के बेहतर अवसर भी सुलभ हो सकेंगे।

2026 में बनकर होगा तैयार।
2026 तक पूरा होगा निर्माण, अब तक 30 फीसदी काम पूरा
निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी देते हुए यूपी सिडको के अधिशासी अभियंता जगपाल वर्मा ने बताया कि अब तक कुल परियोजना का 30 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। मुख्य भवन पर लेंटर डाला जा चुका है। चहारदीवारी का प्लास्टर, छात्रावास की छत तथा मिट्टी भराई का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। वर्कशॉप ब्लॉक की नींव तैयार की जा रही है।निर्माण कार्य को 31 अगस्त 2026 तक पूर्ण कर विभाग को सौंपा जाएगा।
मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
इस कॉलेज में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, डिजिटल पुस्तकालय, प्रशिक्षण केंद्र और छात्रावास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को वही शैक्षणिक माहौल देना है, जो अभी तक सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित था।
स्थानीय लोगों ने बताया विकास की बड़ी सौगात
मिल्कीपुर व आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों ने इस परियोजना का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र का शैक्षणिक और सामाजिक विकास होगा। एक अभिभावक श्याम सुंदर यादव ने कहा, “हमारे बच्चों को अब तकनीकी शिक्षा के लिए शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। यह सरकार की बहुत अच्छी पहल है।”
तकनीकी शिक्षा से जुड़ेगा आत्मनिर्भर भारत मिशन
राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन टेक्नोलॉजी, सिविल, मैकेनिकल जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे उन्हें स्वरोजगार और नौकरी दोनों के बेहतर विकल्प मिल सकेंगे।