Another new scandal of an American citizen of Gorakhpur | गोरखपुर के अमेरिकी नागरिक का एक और नया कांड: यूपी बार काउंसिल में छिपाई अमेरिकी नागरिकता, DDU-SRMU से एक साथ कर रहा LLM – Gorakhpur News


गोरखपुर के अमेरिकी नागरिक सुधीर गुप्ता ने सिर्फ DDU-SRMU में LLM कोर्स के एडमिशन में भी फर्जीवाड़ा नहीं किया है, बल्कि उसने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए इससे भी बड़ा कांड किया है। अमेरिकी नागरिक ने राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश

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जबकि, उसके पास भारत की कोई नागरिकता नहीं है। सुधीर गुप्ता यहां ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड होल्डर है। यानी कि वह भारत में रह तो सकता है। लेकिन, वह यहां न ही यहां वोट डाल सकता है और न ही कृषि भूमि की खरीदारी सहित अन्य मानकों के खिलाफ जा सकता है।

उसका पासपोर्ट भी द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का है। जिसका पासपोर्ट नंबर (A35861505) है। उसका पासपोर्ट 3 सितंबर 2024 को रेन्युअल हुआ है। जिसकी वैधता 2 सितंबर 2034 तक है।

सुधीर गुप्ता का पासपोर्ट भी द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का है।

सुधीर गुप्ता का पासपोर्ट भी द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का है।

खुफिया एजेंसी ने भी शुरू की जांच इस मामले के सामने आने के बाद खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसी अब इस बात की तह तक जाने में लगी है कि आखिर सुधीर गुप्ता के इस तरह के फर्जीवाड़े के पीछे का मकसद क्या है?

आखिर वह क्यों एक साथ प्रदेश की दो यूनवर्सिटी से LLM कर रहा है? यूपी बार काउंसिल में अपनी नागरिकता छिपाकर रजिस्ट्रेशन कराने के पीछे का आखिर उसका मकसद क्या है? वह भारत में रहकर विदेशों से कमाई तो कहर रहा है, लेकिन क्या वह यहां अपना इनकम टैक्स फाइल कर रहा है या नहीं?

अमेरिकी नागरिक ने राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के लिए भरे गए फार्म में अपनी अमेरिकी नागरिकता को छिपाकर भारतीय बताई है।

अमेरिकी नागरिक ने राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के लिए भरे गए फार्म में अपनी अमेरिकी नागरिकता को छिपाकर भारतीय बताई है।

बार काउंसिल चेयरमैन बोले-जांच कर कराएंगे विधिक कार्रवाई वहीं, यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन पंचूराम मौर्या ने कहा, कोई व्यक्ति बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए आवेदन में जो भी डिटेल देता है, उसे उसका प्रूफ भी देना पड़ता है। सभी डाक्यूमेंट्स की जांच के बाद ही उसका रजिस्ट्रेशन किया जाता है।

लेकिन, अगर कोई व्यक्ति अपनी नागरिकता छिपाकर खुद को भारतीय बताते हुए बार काउंसिल को गुमराह कर रजिस्ट्रेशन लेना चाहता है या ले लिया है तो यह गंभीर विषय है। इसकी जांच कराई जाएगी और अगर आरोपों में सच्चाई सामने आती है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई कराई जाएगी।

सामने आने से बच रहा सुधीर गुप्ता बहरहाल, इन तमाम आरोपों के बाद भी सुधीर गुप्ता अपना पक्ष देने के लिए किसी भी कीमत पर सामने आने को तैयार नहीं हो रहा है। उसने अपना मोबाइल फोन भी अपने कर्मचारियों को सुपुर्द कर दिया है। जोकि, उसे इस फर्जीवाड़े से बाहर निकालने के लिए इस वक्त दिन-रात एक किए हुए हैं। सुधीर गुप्ता खुद को बीमार बताते हुए इस वक्त न ही किसी से मिलने को तैयार है और न ही बात करने को।

यह तस्वीर, अमेरिकी नागरिक सुधीर गुप्ता की है।

यह तस्वीर, अमेरिकी नागरिक सुधीर गुप्ता की है।

क्या है OCI कार्ड होल्डर? ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया की श्रेणी को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। OCI भारतीय मूल के लोगों के लिए उपलब्ध स्थायी निवास का एक रूप है, जो उन्हें अनिश्चित काल तक भारत में रहने और काम करने की अनुमति देता है। यह कार्डधारकों को देश में आजीवन प्रवेश की अनुमति देता है, साथ ही उन्हें देश में अचल संपत्ति रखने और अन्य निवेश करने जैसे लाभ भी मिलते हैं। लेकिन, वह देश में कृषि भूमि नहीं खरीद सकता।

OCI को भारत गणराज्य या दुनिया भर के अधिकांश देशों द्वारा नागरिकता के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, और यह भारतीय चुनावों में मतदान करने या सार्वजनिक पद धारण करने का अधिकार नहीं देता है। भारत सरकार कई तरह की परिस्थितियों में OCI स्थिति को रद्द कर सकती है। इसके अलावा, OCI कार्ड केवल वैध विदेशी पासपोर्ट के साथ ही मान्य है।

गोरखपुर में चलाते हैं अमेरिका की फर्म दरअसल, कैंट इलाके के रामनगर कॉलोनी मोहद्दीपुर के रहने वाले सुधीर गुप्ता पुत्र कंस राज गुप्ता की पैदाईश तो भारत की है। लेकिन, उनके पास यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) की नागरिकता है।

वे यहां कई साल से ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) के तहत रहते हैं। वे यहां रामनगर कॉलोनी मोहद्दीपुर से ही अपनी सुधीर टैक्स सर्विजेज नाम से फर्म चलाते हैं। हालांकि, यह फर्म जर्सी सिटी, अमेरिका की है।

अमेरिकी छात्र सुधीर गुप्ता का DDU-SRMU दोनों यूनिवर्सिटी का आई कार्ड।

अमेरिकी छात्र सुधीर गुप्ता का DDU-SRMU दोनों यूनिवर्सिटी का आई कार्ड।

खुद को बताते IRS अधिकारी सुधीर गुप्ता अमेरिकी नागरिकों के टैक्स कंसल्टेंट हैं और वे यहीं गोरखपुर से ही टेली कॉलिंग के जरिए अमेरिकी नागरिकों के टैक्स फाइल करने का काम करते हैं। अमेरिकी छात्र खुद को इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) का अधिकारी भी बताते हैं। हालांकि, बीते 6 साल से अधिक समय से सुधीर गुप्ता अमेरिका नहीं गए हैं।

यहां लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिकी छात्र सुधीर गुप्ता ने साल 2024 में लखनऊ के श्री रामस्वरुप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में LLM में एडमिशन लिया। यहां वे पहले समेस्टर का एग्जाम भी दे चुके हैं। जबकि, जल्द ही दूसरे समेस्टर का एग्जाम होना है।

लेकिन, हैरानी वाली बात यह है कि इसी साल अमेरिकी छात्र ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में भी सेम कोर्स LLM में एडमिशन ले लिया और दोनों जगहों से अभी उनकी पढ़ाई जारी है।

खुलते जा रहे फजीवाड़ा के कारनामें इस मामले के सामने आने के बाद सुधीर गुप्ता का एक और कारनामा सामने आ गया। जिसमें उन्होंने यूपी बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपनी अमेरिकी नागरिकता को छिपाकर भारतीय नागरिकता दिखाई है। अब ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि आखीर नागरिकता छिपाकर यूपी बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने के पीछे उनका मकसद क्या है?

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एक तरफ दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) की ओर विश्वभर के छात्र आकर्षित हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यहां लॉ डिपार्टमेंट के एक अमेरिकी छात्र ने फर्जीवाड़ा कर डाला।

अमेरिकी छात्र सुधीर गुप्ता ने LLM (मास्टर ऑफ लॉ) में एक साथ दो यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले रखा है। पहला गोरखपुर यूनिवर्सिटी और दूसरा श्री रामस्वरुप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ में। लेकिन, हैरानी वाली बात यह है कि इसकी भनक न ही DDU को लगी और न ही SRMU को ही। पूरी खबर पढ़ें…



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