Information sought from UP government in mob lynching case | मॉब लिंचिंग मामले में यूपी सरकार से जानकारी तलब: मुरादाबाद का मामला, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन की जानकारी मांगी, सुनवाई 5 अगस्त को – Prayagraj (Allahabad) News
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मझोला, मुरादाबाद में 31 दिसंबर 24 को हुई माब लिंचिंग मामले की पुलिस विवेचना पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से माब लिंचिंग मामले में तहसीन पूनावाला केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन किए जाने को लेकर बेहतर जानकारी पेश
.
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति अविनाश सक्सेना की खंडपीठ ने मोहम्मद आलम की आपराधिक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याची का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत दर्ज की है। जबकि अपराध धारा 103(2) माब लिंचिंग का है।जिसकी जांच के लिए एस आई टी गठित की जाय और पुलिस विवेचना एस आई टी को स्थानांतरित की जाय।
याची अधिवक्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का सरकार पालन नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने माब लिंचिंग मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करने तथा संबंधित धाना प्रभारी को इसकी सुचना जिले के नोडल अधिकारी को देने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि तय समय सीमा में चार्जशीट दाखिल की जाय और आरोपियों की गिरफ्तारी हो तथा पीड़ित को सुरक्षा दी जाए।जिला जज केस का ट्रायल छः माह के भीतर पूरा कराने की व्यवस्था करें। पीड़ित को विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से निःशुल्क कानूनी सहायता दी जाय।
वर्तमान मामले में विवेचना अधिकारी ने मांगी गई जानकारी दी है। साफ है नोडल अधिकारी के मार्फत कार्यवाही नहीं की जा रही। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा। इस पर कोर्ट ने सरकार को बेहतर जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया और अगली सुनवाई की तिथि 5 अगस्त नियत की है।