Anti corruption team’s attack on corruption | भ्रष्टाचार पर एंटी करप्शन टीम का प्रहार: उन्नाव में 13 माह में 9 सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार – Unnao News


विशाल मौर्य | उन्नाव2 मिनट पहले

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उन्नाव में ‘करप्शन’ का खेल, सरकारी कर्मी रिश्वत में जा रहे जेलउन्नाव। उन्नाव में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बन गई है, जहां सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। फरियादियों को अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें मात्र निराशा ही हाथ लग रही है।

हालात यह हैं कि पुलिस से लेकर राजस्व विभाग तक के कर्मचारी फरियादियों से मोटी रकम वसूलने में लगे हैं।इसका जीता जागता प्रमाण हाल ही में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई में देखने को मिला। जिसमें बीते 13 माह में नौ सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई ने जिले में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर किया है।

अब तक यह पकड़े गए जमकर हुई फजीहत-पहला

केस-1. विजय कुमार (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)28 मई 2024 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में तैनात वरिष्ठ लिपिक विजय कुमार को कोल्ड स्टोर के अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया।

यह मामला दर्शाता है कि कैसे अधिकारी जनता के अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

दूसरा केस-2. विकास वर्मा (साफीपुर तहसील)22 जुलाई 2024 को सफीपुर तहसील के लेखपाल विकास वर्मा ने विरासत प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर स्थानीय निवासी आशु सिंह से 5 हजार रुपये की मांग की। एंटी करप्शन टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा, जिससे स्पष्ट होता है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी

किस प्रकार से रिश्वत मांगने में संलग्न हैं।

तीसरा केस-3. शिवबरन सिंह (ग्राम विकास अधिकारी)9 अगस्त 2024 को पुरवा विकासखंड में तैनात ग्राम विकास अधिकारी शिवबरन सिंह ने अपने ही क्षेत्र के ग्राम प्रधान से विकास कार्यों के भुगतान के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। एंटी करप्शन टीम ने उन्हें भी रंगे हाथ गिरफ्तार किया, जिससे यह साफ होता है कि विकास कार्यों में भी भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

चौथा केस-4.

वीरेंद्र यादव (साफीपुर कोतवाल का ड्राइवर)11 सितंबर 2024 को सफीपुर कोतवाल के ड्राइवर वीरेंद्र यादव ने क्षेत्र के निवासी सोनू से लकड़ी कटान के मामले में 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। एंटी करप्शन टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार किया, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पांचवा केस-5.

हीरा सिंह (विवेचना एवं अनावरण शाखा)21 सितंबर 2024 को विवेचना एवं अनावरण शाखा में तैनात इंस्पेक्टर हीरा सिंह को विवेचना के दौरान मुल्जिम से पैसे मांगने के आरोप में एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया। यह घटना पुलिस विभाग के अंदर भी भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करती है।

छठा केस-6.

बेचन यादव (दरोगा थाना हसनगंज)24 जनवरी 2025 को हसनगंज थाने में से एक विवेचना में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेते एंटी करप्शन की टीम में गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ सोहरामऊ थाने में मुकदमा दर्ज किया है।

सातवां केस-7. राजेन्द्र सरोज दरोगा (थाना पुरवा)11 मार्च 2025 को एक विवेचना में धारा को लेकर 35 सौ रुपए रिश्वत लेते एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार किया था।

आठवां केस-8. रजनीकांत शर्मा, सन्तोष (लिपिक खनन विभाग)23 जुलाई 2025 को लखनऊ के एक पीड़ित से वाहन रिलीज कराने के नाम पर 20 हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में एंटी करप्शन टीम ने रंगे हांथो बाबू सन्तोष, रजनीकांत, अमित गिरफ्तार किया था।

सरकारी तंत्र की ईमानदारी पर उठे सवाल-उन्नाव जिले में भ्रष्टाचार की यह घटनाएं न केवल सरकारी तंत्र की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि कैसे सरकारी कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह जरूरी है कि यह सिलसिला जारी रहे और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। केवल तभी आम जनता को अपनी समस्याओं का समाधान मिल सकेगा और प्रशासन में विश्वास बहाल हो सकेगा।



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