Fraud of crores of rupees in Gorakhpur | गोरखपुर में करोड़ों रुपये की जालसाजी: रुपये डबल करने का झांसा देकर जमा कराई रकम फिर भाग गई कंपनी, 15 के खिलाफ FIR – Gorakhpur News


गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की जालसाजी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने 6 साल में रुपये डबल करने का झांसा देकर करीब 200 लोगों से निवेश करवा लिया। इसके बाद कार्यालय बंद कर भाग गए।

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पीड़ित की तहरीर पर कैंट पुलिस ने टाइम सिटी के चेयरमैन दीपचंद शुक्ला समेत 15 लोगों के​ ​खिलाफ केस दर्ज किया है। शनिवार को पीड़ितों ने आरोपियों के खिलाफ कुछ साक्ष्य भी पुलिस को दिए हैं। जिसके आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

कैंट थाने में दर्ज की गई एफआईआर

कैंट थाने में दर्ज की गई एफआईआर

गीडा थाना क्षेत्र के पेवनपुर गांव निवासी राममिलन मौर्य ने कैंट थाने में तहरीर दी है। उन्होंने बताया- वर्ष 2010 से आरोपी टाइम सिटी इनफ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग लिमिटेड, रुपेश महेश्वरी एंड कंपनी, मिवान इंडस्ट्रीज आदि कंपनियां बनाकर प्लॉट/भू-खंड विक्रय और अन्य डिपॉजिट स्कीमों में निवेशकों से रुपये जमा करा रहे हैं। इन कंपनियों का मुख्यालय द्वितीय तल जानकीपुरम, लखनऊ में स्थित था।

गोरखपुर में इसकी शाखा कबाड़ी मार्केट कालेपुर निकट छात्रसंघ चौराहा में थी।

इसका संचालन निदेशक गुलाब चंद्र मौर्य कर रहा था। कंपनी भू-खंड/प्लॉट के क्रय-विक्रय के अलावा फिक्स डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, डेली डिपॉजिट जैसी स्कीमों पर काम कर रही थी। कंपनी सोसाइटी का संचालन चेयरमैन चंद्र प्रकाश शुक्ला मुख्य रूप से कर रहा था।

राममिलन ने बताया- वह ऑटो चलाता था। वर्ष 2014 में उसे और उसके परिचितों को चंद्र प्रकाश शुक्ला ने कंपनी की स्कीम के बारे में समझाया। उन्हें कूटरचित प्रमाण पत्र, आरबीआई का लाइसेंस व जमीन का कागजात दिखाकर झांसे में लिया। कहा- कंपनी में जो भी धनराशि जमा होगी उसे 6 वर्ष में दोगुना करके वापस कर दिया जाएगा। यदि धनरा​शि नहीं लेते तो उन्हें पूर्ण विकसित रिहाइश (भू-खंड) की रजिस्ट्री कर दी जाएगी।

इसके लिए ताल कंदला के पास जमीन भी दिखाई थी। स्कीम से प्रभावित होकर उसने और उसके परिचितों ने करीब 12 लाख रुपये निवेश कर दिया। समय पूरा होने पर जब धनराशि वापस लेने गया तो पता चला कि चंद्र प्रकाश शुक्ला और उसके साथी 1/32 विनम खंड, गोमतीनगर, लखनऊ में निवेशकों के रुपये से खरीदी गई जमीन को बेच रहे हैं।

आरोप लगाया कि कंपनी के खाते में जमा रुपये को अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से कूटरचित वाउचर बनाकर बैंक खातों में ट्रांसफर कर गबन कर लिया। फायदा बताकर बनाया एजेंट राममिलन ने बताया कि पहले वह कंपनी के साथ निवेशक के रूप में जुड़ा। इसके बाद उसे कंपनी का एजेंट बनने का फायदा बताए गया। झांसे में आकर उसने अपने परिचितों से भी निवेश करवा दिया। बताया कि उसके जैसे 50 से भी ज्यादा निवेशक हैं। जिन्होंने 200 से अ​धिक लोगों से निवेश करवा दिया। अब निवेशकों की जमा धनराशि का समय पूरा होने पर न तो रुपये वापस किए जा रहे हैं और न ही भू-खंड की रजिस्ट्री की जा रही है। आरोपियों से संपर्क कर रुपये व भू-खंड की रजिस्ट्री की मांग की। तब गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी।

सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। इन आरोपियों पर दर्ज किया गया केस इस मामले में चेयरमैन लखनऊ के इंदिरानगर निवासी दीपचंद शुक्ला, चंद्रप्रकाश शुक्ला, निदेशक गोरखपुर​ निवासी गुलाब चंद्र मौर्या, तृप्ती तिवारी, अरविंद कुमार पांडेय, गुलाम मुर्तुजा, संतोष कुमार अग्रहरि, गौरव कन्नौजिया, जितेंद्र कुमार तिवारी, विनय, सत्यवती, मिथिलेश, रमेश चंद्र यादव, बृजेश शुक्ला व अज्ञात के ​खिलाफ पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि कंपनी से जुड़े लोगों पर बाराबंकी और लखनऊ में पहले से ही धोखाधड़ी का केस दर्ज है 2017 से ही बंद है शाखा कंपनी से जुड़े लोगों ने वर्ष 2010 में जब काम शुरू किया तो छात्रसंघ चौराहे के पास किराये के मकान में शाखा कार्यालय खोला था। यहीं पर निवेशकों की मीटिंग होती थी। कुछ वर्षों तक यहीं से लोगों को प्लान समझाया गया। इसके बाद वर्ष 2017 में यह कार्यालय बंद हो गया। इसके बाद से कंपनी के निदेशक लखनऊ से आकर होटल में मीटिंग लेते थे। लोगों को झांसे में लेने के बाद ताल कंदला ​स्थित प्लॉट को दिखाते थे। बताया जा रहा है कि कुछ वर्ष पहले से ही चेयरमैन व निदेशकों ने गोरखपुर में आना बंद कर दिया था।



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