BHU teachers are outraged | BHU के 200 प्रोफेसर पहुंचे कुलपति कार्यालय: विश्वविद्यालय के बिगड़ती अव्यवस्थाओं को गिनाया,नो-कैश-नो क्लास की दे डाली चैतावनी – Varanasi News
BHU में लंबे समय से अनदेखी झेल रहे शिक्षकों का आक्रोश शनिवार को आखिरकार फूट पड़ा। पिछले 20 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ जब 200 से अधिक शिक्षक विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय पहुंचे और कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार से विस्तार से चर्चा की। शि
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शिक्षकों ने सौंपा बिंदुवार ज्ञापन
शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ प्रतिनिधि विनोद जायसवाल ने कुलपति के समक्ष सभी मुद्दों को तथ्यों और नियमों के आधार पर विस्तारपूर्वक रखा। उन्होंने कैस प्रमोशन (CAS Promotion) को लेकर विशेष रूप से ज़ोर दिया और मांग की कि यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार हर 6 महीने में रेगुलर पोस्ट के विज्ञापन की बाध्यता हटाकर समयबद्ध प्रमोशन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।

शिक्षकों ने सहायक कुलपति के समक्ष रखी समस्या।
इसके साथ ही सितंबर 2006 की कार्यकारिणी परिषद की स्वीकृति के अनुरूप पूर्व की सेवा को जोड़कर शिक्षकों को शीघ्र लाभ देने की मांग रखी गई। शिक्षकों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्हें बार-बार केन्द्रीय कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं या फिर न्यायालय का सहारा लेना पड़ता है।
गलत निर्णयों पर हो कार्रवाई, जनता के धन का दुरुपयोग रोका जाए
शिक्षकों ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे अधिकारी जो नियमों की मनमानी व्याख्या कर शिक्षकों को भ्रमित करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन के तानाशाही निर्णयों के कारण विश्वविद्यालय में केसों की भरमार हो गई थी, जिससे न सिर्फ संस्थान की छवि खराब हुई बल्कि जनता के धन का दुरुपयोग भी हुआ।
न्याय से वंचित शिक्षक अब भी इंतजार में
शिक्षकों ने यह भी कहा कि नोशनल इन्क्रीमेंट का लाभ अब तक केवल आधे शिक्षकों को ही दिया गया है, जबकि शेष को भी इसे तुरंत दिया जाना चाहिए। साथ ही, न्यायालय के कारण जिन शिक्षकों का कन्फर्मेशन बीते 10 वर्षों से लंबित है, उनका भी शीघ्र समाधान किया जाए। शिक्षकों ने तर्क दिया कि अगर कुछ मामलों में कार्यकारी परिषद (EC) द्वारा नियुक्त शिक्षकों का कन्फर्मेशन हो सकता है, तो शेष को क्यों नहीं?

मांग पूरी न होने पर आंदोलन की तैयारी में है बीएचयू के शिक्षक।
अन्य मुद्दों पर भी हुई गहन चर्चा
बैठक में डीएसीपी (DACP), आवास, और प्रशासनिक कार्यशैली जैसे कई मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई। कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार ने मौखिक रूप से माना कि विश्वविद्यालय प्रशासन से कई स्तरों पर गलतियां हुई हैं, जिससे शिक्षकों में आक्रोश है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
NO CAS, NO CLASS: आंदोलन की चेतावनी
बैठक के अंत में शिक्षकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि यदि जल्द ही उनके CAS प्रमोशन से जुड़े मसलों का समाधान नहीं किया गया, तो वे NO CAS, NO CLASS की रणनीति के तहत सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। शिक्षकों ने यह स्पष्ट किया कि वे किसी टकराव के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन यदि न्याय में देरी जारी रही, तो कक्षाएं रोकने जैसे कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं।