Professor CS Rama said- I don’t know why the youth killed him | प्रोफेसर सीएस रामा बोले- युवकों ने क्यों मारा पता नहीं: ट्रामा सेंटर में हाथ का हुआ आपरेशन,BHU के प्रोफेसर्स ने सुरक्षा और कड़ी निगरानी की उठाई मांग – Varanasi News
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तेलुगु विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीएस रामा मूर्ति पर हुए हमले ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते दिनों दो अज्ञात हमलावरों ने प्रोफेसर रामा मूर्ति पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसके ब
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मनबढ़ युवाओं ने दोहे के रांड से प्रोफेसर के हाथ पर वार किया।
नौकरी के अंतिम साल मिला गहरा जख्म
प्रोफेसर सीएस रामा मूर्ति 1 साल बाद रिटायर होने वाले हैं। पूरे जीवन उन्होंने छात्रों को तेलुगु भाषा का ज्ञान दिया। हर रोज की तरह विभाग का काम काज खत्म करके वह अपने घर जा रहे थे। लेकिन उनके नौकरी के अंतिम पड़ाव पर कुछ मनबढ़ युवाओं ने गहरा जख्म दे दिया है। जिसको लेकर वह विश्वविद्यालय से विदाई लेंगे। हालांकि आप पहला मौका है जब इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के अध्यापक एकजुट हुए हैं। घटना के दूसरे दिन जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ और उसके अगले दिन सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो इसको लेकर लंबी चौड़ी लिस्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को दी गई है।

बीएचयू ट्रामा सेंटर में प्रोफेसर का हुआ आपरेशन।
उदास मन से बोले- मैंने किसी का बुरा नहीं किया,क्या मारा पता नहीं
BHU के एक प्रोफेसर ने बताया कि वह इस घटना से काफी उदास है। पुलिस ने जब उनसे घटना के बाद जानकारी ली तो उन्होंने बड़े ही उदास मन से कहा कि जीवन में मैं किसी का बुरा नहीं किया है। उन युवकों ने मुझे क्यों मारा इसकी वजह मुझे नहीं पता है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि जिन लोगों ने यह काम किया है उनकी गिरफ्तारी हो और कड़ी सजा दी जाए जिससे आगे चलकर वह इस तरह का कार्य न करें।

बीएचयू के प्रोफेसर्स ने चीफ प्राक्टर और डीन ऑफ स्टूडेंट को दिया ज्ञापन।
मैराथन बैठक कर शिक्षकों ने मांगी सुरक्षा और निगरानी
वहीं,बीएचयू में तेलुगु विभागाध्यक्ष पर हमले के बाद परिसर में शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर विमर्श शुरू हो गया है। चीफ प्रॉक्टर और छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष के साथ 20 से ज्यादा शिक्षकों ने ढाई घंटे की मैराथन बैठक की। इस दौरान कई बिंदुओं पर चर्चा हुई और शिक्षकों की तरफ से सुझाव दिए गए। शिक्षकों ने मारपीट के साथ ही परिसर में हो रहीं अन्य आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताई। कहा कि परिसर के भीतर बाहरी तत्वों का दखल ज्यादा है। छात्रों से मारपीट, छात्राओं से छेड़खानी के साथ ही डिलिवरी को आने वाले कर्मचारियों से छिनैती और वाहन चोरी जैसी घटनाएं इसी का नतीजा हैं।

बीएचयू के सिंहद्वार पर प्रोफेसर्स ने किया था चक्काजाम।
शिक्षकों ने 10 सूत्रीय मांगपत्र चीफ प्राक्टर को सौंपा
शिक्षकों ने परिसर में सुरक्षा और कड़ी निगरानी की मांग की। शिक्षकों ने परिसर में बाहरी तत्वों का प्रवेश नियंत्रित करने का सुझाव दिया। अस्पताल और मंदिर के अलावा अन्य क्षेत्रों में घूमने वालों की नियमित जांच की बात भी उठी। बीएचयू के खेल के मैदानों में बाहरी लोगों का प्रवेश रोकने की चर्चा भी उठी। संकाय-विभागों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, शिक्षकों के आवागमन का अलग रास्ता बनाने की मांग की। चौराहों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की। यह भी कहा कि हर चौराहे पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाधिकारियों के मोबाइल नंबर लगाए जाएं ताकि किसी आपात स्थिति में छात्र, शिक्षक या कर्मचारी मदद बुला सकें। शिक्षकों ने 10 सूत्री ज्ञापन भी चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह और छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. एके नेमा को सौंपा।

बीएचयू कैंपस में लगे सीसीटीवी की स्थिति।
शिक्षक बोले- नहीं काम करता सीसीटीवी कैमरा
शिक्षकों ने भी विवि की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किए। कहा कि परिसर में सिर्फ 26-30 सीसीटीवी कैमरे ही लगे हैं। कैमरे महिला महाविद्यालय, एलडी गेस्ट हाउस, सेंट्रल ऑफिस, विश्वनाथ मंदिर, सिंह द्वार सहित सभी छह द्वार पर हैं। विधि संकाय से एंफिथियेटर मार्ग पर एक भी सक्रिय सीसीटीवी कैमरा नहीं है। आईआईटी बीएचयू में 520 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सभी डिप्टी चीफ प्रॉक्टर और प्रॉक्टर को सीयूजी नंबर दिए गए हैं। लेकिन बीएचयू में सुरक्षा व्यवस्था काफी लचर है।