Uttar Pradesh Gorakhpur News Fingerprint Clone Sting Operation Gorakhpur Police | गोरखपुर में फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने वाले अरेस्ट: नकली मार्कशीट, आधारकार्ड भी करते थे तैयार, भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन से सामने आई थी हकीकत – Gorakhpur News


गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट के क्लोन बनाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। पुलिस ने गोलघर चौक के आसपास चल रही दुकानों पर छापामारी की। पुलिस ने 2 आरोपियों को पकड़ा।

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उनकी दुकानों से फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार करने का सामान मिला। साथ ही, अलग-अलग नामों पर बनी हुई मार्कशीट, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र मिले। पुलिस ने इसको जांच में शामिल किया है।

इनकी अरेस्टिंग हुई 1. इमरान खान निवासी महराजगंज 2. श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम शाहपुर

दरअसल, दैनिक भास्कर ने गोरखपुर में फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने के रैकेट का खुलासा किया। यह भी सामने लाए थे कि इनका इस्तेमाल फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाने, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में हो रहा है।

इसके खुलासे के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम ने उस नेटवर्क की तलाश शुरू की, जहां ये फिंगर प्रिंट क्लोन बन रहे हैं। कौन लोग हैं, जो इस क्लोन को बना रहे हैं? कैसे इसे तैयार किया जा रहा है? और कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो रहा है। एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पूरी हकीकत सामने लाए थे।

पुलिस ने इमरान और श्याम को पकड़ने के बाद नकली फिंगर प्रिंट क्लोन

पुलिस ने इमरान और श्याम को पकड़ने के बाद नकली फिंगर प्रिंट क्लोन

जब भास्कर रिपोर्टर जालसाज के पास पहुंचे, तब जालसाज ने एक सादा कागज दिया। कहा कि जिस अंगुली का क्लोन बनवाना है, उसका निशान दे दो। इसके बाद हमारे हाथ की अंगुलियों के निशान एक सादे कागज पर लिए गए।

जालसाज ने कहा- काम पूरा होगा, मगर पेमेंट एडवांस देना होगा। हमने 900 रुपए दे दिए। इस वक्त घड़ी में करीब 1 बज रहे थे। जालसाज ने कहा- कल शाम को 5 बजे आ जाना। तुम्हें क्लोन प्रिंट बनाकर दे देंगे। हमने पूछा- किसी मशीन में पकड़ तो नहीं जाएगा, जालसाज ने दावा किया कि यूपी में छोड़िए, पूरे इंडिया की कोई मशीन इसको पकड़ नहीं सकती।

बैंक, स्कूल, रजिस्ट्री ऑफिस और किसी भी दस्तावेज में इसको लगा दोगे, कोई पकड़ नहीं पाएगा। उसने दावा किया किसी भी व्यक्ति का थंब इंप्रेशन ले आओगे, यहां फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार हो जाएगा।

अगले दिन : शाम 5.30 बजे

3 क्लोन फिंगर प्रिंट मिले, बोला- नए लोगों काे न भेजना हम गोलघर की उस दुकान पर दोबारा पहुंचे। 24 घंटे के अंदर हमें रबर स्टैंप जैसा फिंगर प्रिंट क्लोन मिल गया। इसको बनाने में सिलिकॉन रबर का इस्तेमाल किया गया था। जालसाज ने एक कागज के पैकेट में 3 क्लोन फिंगर प्रिंट हमको दिए। हमसे कहा कि कोई पूछे, तो यहां का पता मत बताना। तुम खुद ही आकर बनवा लेना। नए लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं न।

इसके बाद हमने गोलघर चौक से विजय चौक तक मालूम किया। सामने आया कि यहां कई दुकानों पर बैठे लोग यही काम कर रहे हैं, रबर के क्लोन फिंगर प्रिंट बनाकर दे रहे हैं, इसके कोई फिक्स रेट भी नहीं हैं।

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