Lucknow-CircleRate-Hike-From1August | City Development News | लखनऊ में 1 अगस्त से लागू होंगे नए सर्किल रेट: 10 साल बाद 25 से 30% शहरी और ग्रामीण-दोनों क्षेत्रों में बड़ा इजाफा – Lucknow News
राजधानी लखनऊ में एक दशक बाद जमीन और संपत्ति की सरकारी दरों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अगस्त 2025 से लखनऊ में नए सर्किल रेट लागू कर दिए जाएंगे। ज़िला प्रशासन की तरफ़ से जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी आपत्तियों पर विचार के बाद प्र
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इससे पहले 2015 में अंतिम बार सर्किल रेट संशोधित किए गए थे। उसके बाद यह पहला मौका है जब इतनी व्यापक और बड़ी दर वृद्धि की गई है।
सर्किल रेट में 15% से 50% तक की बढ़ोतरी, 10 साल बाद बड़ा कदम
जिला प्रशासन ने बाजार भाव और शहरी विस्तार को ध्यान में रखते हुए इस बार 15% से 50% तक की सर्किल रेट बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की दरें औसतन 15 से 40 प्रतिशत तक बढ़ेंगी, जबकि शहरी इलाकों में यह इजाफा 25 से 50 प्रतिशत तक हो सकता है। कई इलाकों में दरें दोगुनी तक पहुंचने की संभावना है।
गोमतीनगर और इंदिरानगर में जमीन अब सोने से कम नहीं
शहर के प्रमुख इलाकों गोमतीनगर, इंदिरानगर और विभूतिखंड में नए सर्किल रेट पुराने रिकॉर्ड को पार कर चुके हैं।इंदिरानगर में जहां 2015 में दर ₹27,000 प्रति वर्ग मीटर थी, अब वह ₹62,000 पहुंच गई है।विभूतिखंड में दर ₹40,000 से बढ़कर ₹70,000 हो गई है, जबकि गोमतीनगर के अन्य सेक्टरों में यह ₹30,500 से बढ़कर ₹77,000 प्रति वर्ग मीटर तक जा पहुंची है।
इन इलाकों में बेतहाशा इजाफे की वजह वहां की बढ़ती आबादी, कमर्शियल डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी नहीं थमेगी बढ़ोतरी की रफ्तार
ग्रामीण लखनऊ, जहां अभी तक सर्किल रेट अपेक्षाकृत कम थे, वहां अब 40% तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। मोहनलालगंज, सरोजनीनगर और बीकेटी जैसे क्षेत्रों में नई टाउनशिप्स, इंडस्ट्रियल प्लॉट्स और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के चलते ये बदलाव किए गए हैं।
विशेष रूप से जिन आवासीय क्षेत्रों के आसपास अब व्यावसायिक गतिविधियाँ हो रही हैं, वहां 20% अतिरिक्त सर्किल रेट तय किया गया है।
कॉमर्शियल जमीन पर 50% ज्यादा दरें, आउटर रिंग रोड और किसान पथ महंगे होंगे
यदि कोई खरीदार व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भूमि खरीदता है, तो उसे अब अकृषक दरों पर 50% अधिक भुगतान करना होगा।प्रशासन ने विशेष रूप से किसान पथ, आउटर रिंग रोड, MMR ज़ोन, आगरा एक्सप्रेसवे और वन वर्ल्ड टाउनशिप जैसे उभरते इलाकों में दरों में तेज़ बढ़ोतरी की बात कही है।
आपत्तियों पर विचार के बावजूद बदलाव नहीं, अब लागू होंगी नई दरें
2 जुलाई से 17 जुलाई तक आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। कुल दो आपत्तियां सामने आईं, लेकिन उन्हें प्रशासनिक तौर पर अस्वीकार कर दिया गया। इसलिए 31 जुलाई अंतिम सुनवाई के बाद तय कर लिया गया कि पूर्व में प्रस्तावित रेट ही लागू होंगे।डीएम विशाल गर्ग के अनुसार, “नई दरें वास्तविक बाजार मूल्यों के अनुरूप हैं। भूमि खरीद-बिक्री की पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि दोनों के लिए यह आवश्यक कदम है।”
नतीजा: लखनऊ में जमीन खरीद अब और महंगी, रजिस्ट्री पर ज्यादा खर्च तय
इस संशोधन के बाद लखनऊ में संपत्ति खरीदने वालों को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क भी अधिक देना होगा। जमीन की सरकारी दरें बढ़ने से सरकारी खजाने को अधिक राजस्व मिलेगा, लेकिन आम जनता की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।