Yamuna water recedes Katri and riverside villages submerged flood victims sheltered in relief camps | कानपुर में यमुना नदी का जलस्तर स्थिर: कटरी और तटवर्ती गांवों डूबे, प्रशासन ने संभाली कमान, राहत शिविरों में रह रहे पीड़ित – Kanpur News


हिमांशु तिवारी| कानपुर2 मिनट पहले

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कानपुर के यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कटरी और तटवर्टी गांव डूब गए हैं। - Dainik Bhaskar

कानपुर के यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कटरी और तटवर्टी गांव डूब गए हैं।

कानपुर में यमुना नदी का जलस्तर अब स्थिर हो गया है और धीरे-धीरे घटने की उम्मीद जताई जा रही है। जल का बहाव थमने के साथ ही लोगों के चेहरों पर राहत नजर आ रही है। हालांकि खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। घाटमपुर तहसील क्षेत्र में तटवर्ती गांवों में रात के समय खुद एसडीएम समेत अधिकारी पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

कटरी गांव में गंगा राम इंटर कॉलेज को बाढ़ राहत शिविर में तब्दील किया गया है। यहां करीब 25 बाढ़ प्रभावित परिवार रह रहे हैं। सुबह- शाम प्रशासन भोजन की व्यवस्था कर रहा है। बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं, जिससे वे इस तनावपूर्ण माहौल में कुछ राहत महसूस कर सकें।

बाढ़ में कई गांवों की हजारों बीघे फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं।

बाढ़ में कई गांवों की हजारों बीघे फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं।

हजारों बीघा फसल डूबी यमुना के बढ़े हुए जलस्तर से कटरी, गड़ाथा, अमीरतेपुर, हरदौली, मऊ नखत, अकबरपुर बीरबल सहित कई गांवों की हजारों बीघे फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं। खेतों में खड़ी धान, उड़द, अरहर, मक्का जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

वहीं, गांवों के संपर्क मार्ग भी पूरी तरह से डूब चुके थे, जिनका पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है। लेकिन अभी भी नाव ही आवाजाही का एकमात्र साधन बनी हुई है।

घर डूबने से लोग छतों पर रह रहे हैं।

घर डूबने से लोग छतों पर रह रहे हैं।

घर डूबे, लोग छतों पर कर रहे गुजारा पानी गांवों में इस कदर भर गया है कि लोगों ने अपने घरों की छतों को ही अस्थाई ठिकाना बना लिया है। छतों पर पन्नी तानकर सामान रखा गया है और वहीं पर लोग रह रहे हैं। प्रशासन लोगों से राहत शिविर में आकर रहने की अपील कर रहा है। हालांकि, कई लोग अपने घरों से हटने को तैयार नहीं हैं।

कटरी गांव के प्रधान प्रहलाद सिंह और सचिव आलोक कुमार राहत कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए लोगों के लिए भोजन और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था की है। स्थानीय लोग व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए।

राहत शिविर में भोजन करते हुए बाढ़ पीड़ित

राहत शिविर में भोजन करते हुए बाढ़ पीड़ित

बाढ़ आश्रय स्थल पर बच्चों के लिए लगाए गए झूले कटरी गांव के बाढ़ आश्रय स्थल पर बच्चों के खेलने के लिए झूले लगाए गए हैं, जिससे बच्चे तनाव से थोड़ी राहत पा सकें। वहीं, महिलाओं के लिए अलग रहने की व्यवस्था और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

ग्राम प्रधान प्रहलाद सिंह ने बताया कि गांव की गोशाला डूब चुकी है, लेकिन समय रहते वहां से 75 मवेशियों को सुरक्षित निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।

गढ़ाथा गांव निवासी बालेंद्र सिंह

गढ़ाथा गांव निवासी बालेंद्र सिंह

गढ़ाथा गांव निवासी बालेंद्र सिंह ने बताया कि वह तीन घंटे से नाव का इंतजार कर रहे हैं। सुबह गांव से बाहर आए थे, अब दोपहर में लौटने के लिए घंटों से बैठे हैं। उनका भाई घर की छत पर रखा सामान संभाल रहा है और भूखा है। जब नाव मिलेगी, तब वे खाना लेकर लौटेंगे और भाई खाना खा सकेगा।

कटरी गांव निवासी रमेश

कटरी गांव निवासी रमेश

कटरी गांव के रमेश ने बताया कि उनके घर में चार दिन से पानी भरा है और वह परिवार समेत छत पर रह रहे हैं। जब हमने उनसे बाढ़ आश्रय स्थल में जाने के लिए पूछा तो वो बोले कि सामान छत पर खुला पड़ा है, उसे छोड़कर नहीं जा सकते। अगर पानी और बढ़ा तो जरूर जाएंगे, लेकिन नाव सिर्फ लोगों को ले जाती है, सामान को नहीं।

कल्लो पत्नी रामजीत कठेरिया ने बताया कि उनका आधा सामान अभी भी घर की छत पर रखा है। वह कुछ सामान लेकर सुरक्षित स्थान तक आ गई हैं, लेकिन बाकी सामान वहीं पड़ा है। उन्होंने नाव वाले से आग्रह किया कि उन्हें सामान के साथ ले चला जाए, मगर नाव वाला बोला कि सिर्फ लोगों को ही ले जाएंगे। इसलिए वे गांव के किनारे ही रुकी हैं, जिससे समय-समय पर जाकर सामान की निगरानी कर सकें।

बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटते हुए अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह और घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह

बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटते हुए अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह और घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह

सांसद और अधिकारियों ने बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले, घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह और तहसीलदार अंकिता पाठक ने गढ़ाथा गांव पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। सांसद ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी।

इस मौके पर अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और निर्देश दिए कि किसी भी जरूरतमंद को भोजन, दवा और आश्रय में कोई कमी न हो।

घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह

घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह

जलस्तर घटने के बाद होगा नुकसान का सर्वे घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसलों और संपत्ति के नुकसान का आकलन कराया जाएगा। इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिससे किसानों और ग्रामीणों को उचित मुआवजा मिल सके।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सबसे जरूरी है कि लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें और बाढ़ के पानी से दूर रहें। प्रशासन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और हर संभव सहायता दे रही हैं।

घाटमपुर SDM अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि गढ़ाथा, अमीरतेपुर और कटरी गांवों में यमुना नदी का पानी घरों में घुस गया है। वह स्वयं रात में अधिकारियों के साथ लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ चौकियां और राहत आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां प्रशासन की ओर से भोजन, पानी और ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है। तटवर्ती गांवों के लोगों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

जलस्तर स्थिर, लेकिन खतरा टला नहीं हमीरपुर प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 103.3 मीटर से ऊपर 107.2 मीटर तक पहुंच गया था, जो शनिवार को स्थिर होकर अब भी 107.2 मीटर पर बना हुआ है।

हालांकि, पानी घटने की संभावना है, लेकिन अगले कुछ दिन संवेदनशील माने जा रहे हैं। प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और ग्रामीणों से भी अपील की जा रही है कि अफवाहों से बचें और प्रशासन का सहयोग करें।



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