Transport Commissioner gave details from January to July, Lucknow, Uttar Pradesh | जनवरी से जुलाई तक का परिवहन आयुक्त ने दिया ब्यौरा: डिजिटल सुविधा, सड़क सुरक्षा और राजस्व हुआ सुधार – Lucknow News

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उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने जनवरी 2025 से जुलाई 2025 के बीच विभाग की उपलब्धियों और बदलावों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। उन्होंने बताया कि बीते सात महीनों में परिवहन विभाग ने आम जनता को दी जाने वाली सेवाओं को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुलभ

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डिजिटल सुविधा, सड़क सुरक्षा, राजस्व वसूली और संस्थागत पारदर्शिता को मजबूत करने के साथ ही विभाग ने यातायात नियमों के सख्त अनुपालन पर भी फोकस किया है। आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री के निर्देश पर इन सुधारों को मिशन मोड में लागू किया गया, जिससे विभाग की छवि में बड़ा बदलाव आया है।

आइए अब जानते हैं परिवहन आयुक्त ने ब्यौरे ने क्या जानकारी दी…..

फेसलेस सेवाओं का विस्तार, अब आरटीओ जाने की जरूरत नहीं

परिवहन विभाग की सबसे बड़ी पहल फेसलेस सेवाओं का विस्तार रही है। अब प्रदेश भर के 1.5 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर 45 तरह की परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। यानी नागरिकों को लर्निंग लाइसेंस से लेकर आरसी तक के काम पास के केंद्र पर ही हो रहे हैं।

डीलरों की मनमानी पर लगाम, स्मार्ट RC का चलन

बीएन सिंह ने बताया कि स्मार्ट कार्ड आधारित RC व्यवस्था लागू की गई है। वहीं RC में देरी करने वाले वाहन डीलरों पर सख्ती की गई है। अब तक 75 से ज्यादा डीलरों के ट्रेड सर्टिफिकेट निलंबित किए जा चुके हैं।

डिजिटल भुगतान से पारदर्शिता, WhatsApp से भी मिलेगी जानकारी

परिवहन कार्यालयों में अब POS मशीनें लगाई गई हैं, जिससे कार्ड से भुगतान आसान हुआ है। वहीं सभी सेवाओं के लिए UPI और नेट बैंकिंग की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। इसके अलावा HDFC बैंक की मदद से एक WhatsApp चैटबॉट भी शुरू किया गया है, जिससे आम नागरिक चालान, लाइसेंस और वाहनों की जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।

सड़क सुरक्षा में सख्ती, हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं

प्रदेश में ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ नीति अब पूरी तरह लागू है। पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना हेलमेट वाले दोपहिया चालकों को पेट्रोल न दिया जाए। वहीं सड़क दुर्घटनाओं के बाद ‘गोल्डन आवर’ में एम्बुलेंस सेवा को तेज करने के लिए सरकारी और निजी एम्बुलेंस का साझा डिजिटल नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।

EV पर फोकस, पर्यावरण को भी राहत

बीएन. सिंह ने बताया कि ई-वाहनों के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है। विभाग ने EV सब्सिडी को जिला स्तर पर विकेन्द्रीकृत किया है। अप्रैल से जून 2025 के बीच 67,301 ई-वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जिस पर सरकार ने ₹255.50 करोड़ की कर छूट दी है।

स्कूल वाहनों की सख्त जांच, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता में

जुलाई महीने में स्कूली वाहनों की गहन जांच के दौरान 46,748 वाहनों का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही स्कूल पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा को शामिल करने के लिए CBSE व ICSE बोर्ड से भी संपर्क किया गया है।

राजस्व में बढ़ोतरी, चालानों की ऑनलाइन वसूली

विभाग ने जनवरी से जून 2025 तक ₹2913.78 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 10% ज्यादा है। ई-चालान से ₹30 करोड़ से अधिक वसूली सिर्फ डिजिटल माध्यमों से हुई है।

भविष्य की तैयारी, प्रशिक्षण संस्थानों की बढ़ोतरी

राज्य में 15 नए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की योजना पर NSDC से बातचीत अंतिम चरण में है। रायबरेली के प्रशिक्षण संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की प्रक्रिया तेज़ है।

संस्थानिक सुधार, GPS से वाहन निगरानी और वेब मीटिंग

बीएन सिंह ने बताया कि सभी विभागीय वाहनों में GPS लगाया गया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। अब ज़्यादातर फैसले वेब मीटिंग से तेज़ी से लिए जा रहे हैं।

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