Special view in Kashi on Krishna Janmashtami, see picture | कृष्ण जन्माष्टमी पर काशी में खास नजारा, देखें तस्वीर: BHU की छात्राओं ने निभाई कान्हा की भूमिका, विश्वनाथ मंदिर के मंगला आरती में शिव–कृष्ण का दिखा संगम – Varanasi News
पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस बार काशी का दृश्य कुछ विशेष रहा। बीएचयू परिसर में जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया। खास बात यह रही कि इस बार कृष्ण की भूमिका पुरुष छात्रों
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महिला महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्राओं ने न केवल भगवान कृष्ण की वेशभूषा धारण की, बल्कि उनकी लीलाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत भी किया। बाबा विश्वनाथ धाम में बाल गोविन्द ने 12 बजे जन्म लिया इसके अलावा शहर भर में मंदिरों से लेकर थानों तक में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया।
देखें तस्वीर….

इस्कॉन मंदिर में हुआ गोविंद मोहन का भव्य श्रृंगार।

विश्वनाथ मंदिर में रंगोली के जरिए कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की मूर्ति लगाई गई।

बीएचयू में झांकी देखने के लिए पहुंचे काशीवासी एवं विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं।

धर्मसंघ में बच्चियों ने किया नृत्य।

शहर के गलियों में सजे कृष्ण जन्माष्टमी के झांकी को देखती महिलाएं।

इस्कॉन मंदिर में देर रात तक चला दर्शन पूजन का सिलसिला।

बीएचयू के छात्रों ने बालगोविंद का किया पूजना,लगा 56 प्रकार का भोग।

श्रीकृष्ण के जन्म होते ही नाचते गाते दिखी छात्राएं।

इस्कॉन मंदिर को रंग-बिरंगे लाइटों से सजाया गया।

आपरेशन सिंदूर पर आधारित झांकी सजाया गया।

काशी विश्वनाथ धाम में मनाया गया जन्माष्टमी।

झूमते नाचते बाबा के धाम पहुंचे श्रद्धालु।

12 बजते ही बाल गोपाल को झूला झूलाते हुए सोहर गाती महिलाएं।

बीएचयू कैपस रंग-बिरंगे लाइटों से सजाया गया।

56 मेवों से तैयार प्रसाद वितरण किया गया।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रातःकालीन मंगला आरती के दौरान एक अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण घटित हुआ। इस दुर्लभ घड़ी में भक्तों को महादेव श्री काशी विश्वेश्वर तथा बालरूप लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण के साथ-साथ दर्शन प्राप्त हुए।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव का उल्लास अभी शेष ही था कि भगवान शिव के मंगलकारी स्वरूप और श्रीकृष्ण की मोहक छवि ने भक्तों का मन आल्हादित कर दिया। इस अनूठे संयोग ने काशी के गंगा-तट पर धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण को और भी पावन बना दिया।

कान्हा ने देखी विश्वनाथ बाबा की आरती।
छात्राओं ने रची अद्भुत रासलीला
बीएचयू महिला महाविद्यालय के प्रांगण में सजी इस झांकी का मुख्य आकर्षण था राधा-कृष्ण की रासलीला। सजीव मंचन में कृष्ण का रूप धारण करने वाली छात्रा वंदना ने बांसुरी बजाते हुए जब मंच पर प्रवेश किया तो पूरा वातावरण “हरे कृष्ण-हरे कृष्ण” के जयकारों से गूंज उठा। उनके साथ अन्य छात्राओं ने राधा और गोपियों का रूप धारण कर नृत्य प्रस्तुत किया। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से इन प्रस्तुतियों का स्वागत किया।

लड़कियों की दिखीं अद्भुत रासलीला।
प्रिया ने बताया कि उन्हें बचपन से ही कृष्ण चरित्र बेहद प्रिय रहा है। हर वर्ष जन्माष्टमी पर वे व्रत रखती हैं और इस बार उन्हें कान्हा का अभिनय करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कृष्ण केवल एक देवता नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाले प्रेरणास्रोत हैं। मंच पर उनकी झांकी प्रस्तुत करना मेरे लिए अविस्मरणीय अनुभव है।

त्रिवेणी छात्रावास में कारागार झांकी तैयार की गई।
झांकियों में जीवंत हुए कृष्ण के प्रसंग
महिला महाविद्यालय के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के विभिन्न हॉस्टलों और संकायों में भी जन्माष्टमी के अवसर पर झांकियां सजाई गईं। कहीं पर नंदबाबा के आंगन में बालकृष्ण के माखन चुराने की घटना को दर्शाया गया तो कहीं पर कालिया नाग दमन और गोवर्धन पूजा का दृश्य जीवंत किया गया। कुछ झांकियों में कंस वध और रुक्मिणी विवाह जैसे प्रसंगों का भी चित्रण हुआ। रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे कलाकारों ने जब मंच पर मथुरा और वृंदावन की झलक दिखाई तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने मोबाइल और कैमरों से इन पलों को कैद किया।

दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़।
भक्ति और उल्लास का संगम
जन्माष्टमी की रात जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई, काशी की गलियां, मंदिर और विश्वविद्यालय का परिसर पूरी तरह कृष्णमय हो गया। हर ओर सजावट, रोशनी और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई देने लगी। महिला महाविद्यालय की झांकी देखने के लिए भारी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक और शहरवासी पहुंचे।

श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबा काशी।
काशी डूबी कृष्ण भक्ति में
वाराणसी को वैसे भी शिव की नगरी कहा जाता है, लेकिन जन्माष्टमी की रात यह पूरी तरह से कान्हा की भक्ति में डूबा नजर आया। मंदिरों में घंटा-घड़ियाल बज रहे थे, श्रद्धालु “गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो” का भजन गा रहे थे और बीएचयू के कैंपस में राधा-कृष्ण की अद्भुत झांकियां सजाई गई थीं।