Devotees gathered to see Banke Bihari on Janmashtami | जन्माष्टमी पर बांके बिहारी के दर्शन को उमड़े भक्त: आधी रात हुई मंगला आरती,वर्ष में एक बार होती हैं बांके बिहारी जी की मंगला आरती – Mathura News


बांके बिहारी जी की वर्ष में केवल एक बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती होती है (वायरल फोटो)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान बांके बिहारी जी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्त अपने आराध्य की एक झलक पाने को आतुर नजर आए। देर रात अभिषेक के पश्चात भगवान बांके बिहारी की मंगला आरती की गई। आरती के दौरान कोर्ट द्वारा दिए ग

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रात 2 बजे हुई मंगला आरती

बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में एक बार मंगला आरती होती है। भगवान बांके बिहारी की रात 2 बजे होने वाली इस मंगला आरती के लिए भक्त वर्ष भर इंतजार करते हैं। लेकिन दो वर्ष से कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों की बजह से निर्धारित संख्या में ही श्रद्धालु आरती के दौरान मौजूद रहते हैं।

दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़

दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़

जन्माष्टमी को ही क्यों होती मंगल आरती

विश्व विख्यात भगवान बाँके बिहारी जी महाराज के मंदिर में मात्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि में ही मंगल आरती दर्शन क्यों होते हैं। इसका कारण सेवायत प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि अन्य मंदिर- देवस्थानों से अलग यहाँ ठाकुर जी को सुबह देर तक व पुनः पूरी दोपहरी आराम कराते हैं। रात्रि में सिरहाने पर लड्डू भोग, पानवीरी व जलपात्र रखते हैं, कि ना जाने कब आराध्य की इच्छा हो जाए। इस अनूठी भाव सेवा के तहत यहाँ घंटे-घडिय़ाल-शंख आदि बजाना तो दूर रहा, ताली तक बजाना वर्जित है।

सेवायत कहते हैं कि इसी विचित्रता की वजह से जन्माष्टमी की मध्य रात्रि में श्रीहरिदासी गुरु पर्व परम्परा के पालनार्थ श्री बिहारी जी साल में सिर्फ एक ही दिन विशेष मंगल आरती दर्शन प्रदान करते हैं। इन मंगल दर्शनों के विषय में प्रचलित है कि *जो करै मंगला, वो कभी ना होय कंगला*। इसी विशेष महत्व की वजह से हर साल मंगला आरती दर्शन हेतु आने वाले भक्तों की संख्या में निरंतर इजाफा होता जा रहा है।

इसलिए नहीं होती नित्यानी मंगल आरती

सेवायत प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी का कहना है कि श्री बिहारी जी मंदिर में नित्यानी मंगल आरती इसलिए नहीं होती, क्यों कि सखी भावी अनन्य रसिक उपासना जगत की मान्यतानुसार आराध्य प्रभु को रोज रात्रि में नित्यानी रासलीला महोत्सव मनाने हेतु निधिवन राज भी पहुंचना होता है और फिर सुबह मंदिर में लौटकर देर तक विश्राम करके थकान उतारने के उपरांत असंख्य भक्तों को दर्शन भी देने होते हैं।

भगवान के प्रगट के बाद मंदिर के गोस्वामियों ने खुशी में उपहार लुटाए

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3 वर्ष पूर्व मंगला आरती के दौरान हुआ था हादसा

इतिहासकार आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी बताते हैं कि इस महापर्व पर बेतहाशा भीड़ होने की वजह से 3 वर्ष पूर्व साल 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर 19-20 अगस्त की दरम्यानी रात में मंदिर परिसर में बेहद दुःखद हादसा घटित हुआ था। उस दुःखदाई घटना में दो व्यक्तियों का निधन होने सहित कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस दुर्घटना के बाद ही सूबे की सरकार द्वारा वृन्दावन गलियारा तथा मंदिर न्यास गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।



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