DP Yadav’s claim on Sikandrabad assembly seat | सिकंद्राबाद विस सीट पर डीपी यादव की दावेदारी: नई एंट्री से सियासी समीकरण बदलने की संभावना, चौबीसा-छत्तीसा के लोगों का समर्थन – Bulandshahr News

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बुलंदशहर5 मिनट पहले

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डीपी यादव। - Dainik Bhaskar

डीपी यादव।

बुलंदशहर के सिकंद्राबाद विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव की सक्रियता ने अन्य दावेदारों की चिंता बढ़ा दी है।

सिकंद्राबाद सीट के गुलावठी क्षेत्र में यादव बहुल चौबीसा-छत्तीसा क्षेत्र आता है। इस सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी जितेंद्र यादव और दामाद राहुल यादव तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं। जितेंद्र यादव ने कांग्रेस और सपा दोनों से चुनाव लड़ा। राहुल यादव ने सपा से चुनाव लड़ा। लेकिन तीनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

2022 में भाजपा ने बिमला सोलंकी की जगह लक्ष्मीराज सिंह को टिकट दिया। दोनों ठाकुर समुदाय से हैं। इस सीट पर ठाकुर मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। सपा से मजबूत उम्मीदवार न होने के कारण भाजपा यहां जीत दर्ज करती आ रही है।

डीपी यादव तीन बार बुलंदशहर से विधायक रह चुके हैं। चौबीसा-छत्तीसा क्षेत्र के लोग उन्हें अपना मुखिया मानते हैं। उनकी सक्रियता से अन्य दावेदारों में बेचैनी है। डीपी यादव के चुनाव लड़ने से सीट के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

डीपी यादव का कहना है कि उन्होंने राजनीति की शुरुआत इसी क्षेत्र से की थी। जनता का प्यार मिलने पर वे सिकंद्राबाद सीट से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका किसी से कोई मतभेद नहीं है और वे अब जाने नहीं, आने के लिए आए हैं।

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