Ala Hazrat’s 107th Kul Live from Bareilly | बरेली से आला हजरत का 107वां कुल लाइव: दुनियाभर से पहुंचे लाखों जायरीन, मुल्क की तरक्की और अमन-ओ-चैन के लिए मांगी जाएगी दुआ – Bareilly News
इस्लामिया ग्राउंड में पहुंचे लाखों जायरीन
रज़ा की सरज़मीन पर आज रूहानी नूर बिखरा हुआ है। आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फ़ाज़िले-बरैलवी का 107वां उर्स-ए-रज़वी अपने आखिरी पड़ाव पर है। लाखों जायरीन बरेली पहुंचे हैं और दरगाह-ए-आला हज़रत व उर्सगाह मैदान जायरीन से खचाखच भरा है।
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आज दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर आला हज़रत के कुल की रस्म अदा की जाएगी। उसके बाद फातिहा होगी और मुल्क की तरक्की, अमन-ओ-शांति और भाईचारे के लिए दुआ की जाएगी। कुल की रस्म में शरीक होने के लिए इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान (उर्सगाह) में जायरीन का सैलाब उमड़ चुका है।
सुबह कुरआन ख्वानी और नात-ओ-मनकबत से गूंजा शहर
तीसरे और आखिरी दिन का आगाज़ नमाज़-ए-फज्र के बाद कुरआन ख्वानी से हुआ। सुबह 7 बजे तिलावत-ए-कुरआन के साथ महफिलें सजाई गईं। फिजाओं में आला हज़रत की लिखी नातें और मनकबत गूंज उठीं। नात ख्वानी में मुल्क भर से आए शायरों और नातख्वानों ने अपने कलाम पेश किए। पूरा शहर रज़ा के रंग में सराबोर दिखाई दिया।

दरगाह प्रमुख की सदारत, नामवर उलेमा की शिरकत
दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत में उर्स की महफिलें हो रही हैं। उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में मुल्क और दुनिया भर से आए मशहूर उलेमा, मुस्लिम स्कॉलर्स और शोहराए कराम शिरकत कर रहे हैं।
मेहमान-ए-खुसूसी के तौर पर मारहरा शरीफ के सज्जादगान हज़रत अल्लामा सय्यद अमीन मियां, अल्लामा नजीब मियां और हज़रत आमान मियां पहुंचे। दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां ने 107 उलेमा को मसलक-ए-आला हज़रत को आगे बढ़ाने में योगदान के लिए इनामात से नवाजा।
जायरीनों का हुजूम और इंतजाम
उर्सगाह मैदान और दरगाह के चारों तरफ जायरीन का जनसैलाब है। जायरीनों के लिए जगह-जगह लंगर, शर्बत और ठंडे पानी का इंतजाम किया गया है। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने कहा कि हमें फख्र है कि हम गौस-ए-आज़म के गुलाम हैं। 1307 हिजरी में आला हज़रत ने मारहरा का शजरा लिखा था। आज भी दुनिया भर में लाखों लोग मसलक-ए-आला हज़रत पर कायम हैं।
आला हजरत: इस्लामिक दुनिया के बड़े आलिम
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां का जन्म 14 जून 1856 को बरेली में हुआ था। बचपन से ही वह अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। 13 साल की उम्र में उन्होंने पहला फतवा लिखा। उनका इंतकाल 28 अक्टूबर 1921 को हुआ और उनका मज़ार बरेली की सरज़मीन पर है।
समाज के लिए किए गए काम
आला हज़रत ने अमन-चैन, भाईचारे और तालीम को बढ़ावा देने के लिए जीवन समर्पित किया। उन्होंने मुस्लिम समाज को नई राह दिखाई और हर मौके पर इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम दिया।
प्रमुख फतवे और किताबें
आला हज़रत ने 1000 से अधिक किताबें लिखीं। उनकी मशहूर किताब फतावा-ए-रज़विया आज भी इस्लामी दुनिया में मानक है। कानून-ए-शरीअत और अद-दाुलतुल-मक़नून भी अहम ग्रंथ हैं।
अंग्रेजों के खिलाफ फतवा
उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भी बड़ा फतवा जारी किया और कहा कि हिंदुस्तानियों को गुलामी नहीं स्वीकार करनी चाहिए। उनका संदेश था कि मजहब और वतन की आज़ादी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
पिता की भूमिका
आला हज़रत के पिता मौलाना नकी अली खान ने 1857 की जंग-ए-आज़ादी में खान बहादुर खान के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ी थी। उस समय बरेली अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बड़ा गढ़ बना था।
आला हज़रत सिर्फ एक आलिम नहीं बल्कि पूरी दुनिया-ए-इस्लाम के रहनुमा थे। आज उनका 107वां उर्स इस पैगाम के साथ मनाया जा रहा है कि मोहब्बत, इंसानियत और भाईचारा ही असल इस्लाम की पहचान है।
विश्व विख्यात उर्स-ए-आला हज़रत 2025: 15 देशों में होगा भव्य आयोजन
बरेली शरीफ की रूहानी फिज़ाओं में एक बार फिर आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी का 107 वां उर्स-ए-रज़वी बड़े ही शान-ओ-शौकत के साथ आज काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी की सरपरस्ती व सदारत में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस होगी। इस आयोजन को सुनने के लिए देश-विदेश से लाखों अकीदतमंद और प्रमुख उलमा शिरकत बरेली शरीफ पहुच चुके हैं l
जमात रज़ा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उर्स प्रभारी सलमान मिया ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी उर्स-ए-रज़वी का पैगाम न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में फैले आला हज़रत के चाहने वालों तक पहुंचेगा, जो अमन, मोहब्बत और इंसानियत का संदेश देगा। उन्होंने बताया कि देर रात तक दरगाह आला हज़रत और दरगाह ताजुशारिया मे गुलपोशी व चादरपोशी की और हजारों की तादाद में लोगों ने काजी ए हिन्दुस्तान से मुरीद हुए l
जमात रज़ा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन ख़ान फरमान मियां ने बताया कि इस बार उर्से रज़वी करने का आयोजन की तैयारियां लगभग 15 देशों में चल रही हैं, जिनमें ख़ास कर सऊदी अरब, दुबई, यू0 के0 , अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मॉरीशस, फ्रांस और जर्मनी आदि शामिल हैं दुनियाभर में आला हज़रत के चाहने वाले उर्से रज़वी के प्रोग्राम हुज़ूर काइदे मिल्लत मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी के ऐलान आफिशियल चैनल पर प्रसारित होंगे l
जिसमें मुख्य रूप से डॉ मेहँदी हसन, हाफिज इकराम, शमीम अहमद, मोईन खान, नदीम सोभानी, कारी वसीम, कौसर अली,मो.जुनैद रज़ा ज़ुल्फ़िकार अहमद,यासीन खान,सय्यद रिज़वान, अब्दुल सलाम, दन्नी अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।
वही सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के साथ पीएसी, RAF, RRF को भी लगाया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य और एसपी सिटी मानुष पारीक खुद सड़क पर निकलकर स्थिति का जायजा ले रहे है।